जिद मत किया कर छोटी-छोटी बातों की,
बन जाता है अफसाना इन छोटी बातों से ।
रूसवाई को जनम देते हैं जाने-अनजाने ये,
छिन जाती है खुशियां ही इन छोटी बातों से ।
दब जाती है उजली सच्चाई मन की मन में,
जगजाहिर हो जाता झूठ इन छोटी बातों से ।
जख्म गहरे वो जाने कब नासूर हो जाते हैं,
ताउम्र नहीं भरते उपजे जो इन छोटी बातों से ।
मुश्किलों का काम है आना और जाना तुझे तो,
खुद को बचाना है सदा इन छोटी-छोटी बातों से
शनिवार, 16 मई 2009
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- मन को छू लें वो शब्द अच्छे लगते हैं, उन शब्दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....
जख्म गहरे वो जाने कब नासूर हो जाते हैं,
जवाब देंहटाएंताउम्र नहीं भरते उपजे जो इन छोटी बातों से ।
bhut hi achchhi rachna
man ko chhu gai
bahut sunder abhivyakti hai ye chhoti chhoti baten hi to khalti hain abhar
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