उड़ के छू लूँ मैं गगन - कहता तो है हर एक मन,
हाँथ बढ़ा के छू ले - नहीं आदमी में अभी ये फ़न ।
एक मकाम जो मुझको पाना है,
खुशियों तुम्हे मेरे घर आना है ।
राह में कभी आयेंगी जो मुश्किलें,
ऐसे में बिल्कुल नही घबराना है ।
हौसला हो मन में गर कुछ करने का,
ऐसे में पड़ता तूफान से भी टकराना है ।
बदल जाए जो हालातों से वो क्या शख्स,
बदल दे जो हालातों को हमने उसे माना है ।
झुका है ना सर तेरा कभी ना ही झुकेगा,
इसे तो बस "सदा" रब के आगे ही झुकाना है ।
शुक्रवार, 1 मई 2009
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- सदा
- मन को छू लें वो शब्द अच्छे लगते हैं, उन शब्दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....
अच्छी कोशिश। मेरी जानकारी के अनुसार हालात अपने आप में बहुवचन है। फिर हालातों का प्रयोग क्या उचित होगा? आग्रह है, बुरा न मानते हुए, हो सके तो इस पर विचार कर लीजियेगा।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
bahut sundar
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