कुछ रिश्ते इंकलाबी होते हैं,
जिनमें होता है ज़ोश, जुनून
एक मर मिटने का ज़ज्बा
वहां कोई राजनीति नहीं होती
...
कुछ रिश्तों में भावनाएं नहीं होती,
संवेदनाएं भी मृतप्राय: हो जाती हैं
ऐसे रिश्ते जीवित हो के भी
अस्तित्वहीन होते हैं
...
कुछ रिश्तों की उम्र कम होती है
फिर भी वे मरते नहीं,
कुछ रिश्तों को बिना किसी जु़र्म के
सज़ा मिलती है और
कैद में जिंदगी रहती है
...
कुछ रिश्ते प्यार की भाषा
विश्वास की कीमत
और भावनाओं की बोली लगाकर
जिंदगी का सौदा कर डालते हैं
....
जिनमें होता है ज़ोश, जुनून
एक मर मिटने का ज़ज्बा
वहां कोई राजनीति नहीं होती
...
कुछ रिश्तों में भावनाएं नहीं होती,
संवेदनाएं भी मृतप्राय: हो जाती हैं
ऐसे रिश्ते जीवित हो के भी
अस्तित्वहीन होते हैं
...
कुछ रिश्तों की उम्र कम होती है
फिर भी वे मरते नहीं,
कुछ रिश्तों को बिना किसी जु़र्म के
सज़ा मिलती है और
कैद में जिंदगी रहती है
...
कुछ रिश्ते प्यार की भाषा
विश्वास की कीमत
और भावनाओं की बोली लगाकर
जिंदगी का सौदा कर डालते हैं
....
कुछ रिश्तों की उम्र कम होती है
जवाब देंहटाएंफिर भी वे मरते नहीं,
कुछ रिश्तों को बिना किसी जु़र्म के
सज़ा मिलती है और
कैद में जिंदगी रहती है
वाह वाह वाह वाह बेहद उम्दा क्या बात है अति सुन्दर सदा जी
माता मारक हो जाती है जब भी खतरा हो बच्चों पर |
जवाब देंहटाएंये ही सबसे सच्चा रिश्ता, साबित होता हर अवसर पर |
जर जमीन बट जाती है जब, गला काट दुश्मनी निभाते |
रिश्ते तो मर जाते लेकिन, दो भाई इक बाप कहाते ||
पहला पहला प्यार अनोखा, अल्प समय का साथ सिखाये |
इस दुनिया में आकर अपना, हम सब कैसे समय बिठाये ||
महा स्वार्थी लोलुप बन्दे इस दुनिया में भरे पड़े हैं |
हर रिश्तों को बेंच सके वे, मदद मांगिये हाथ खड़े हैं ||
्रिश्तों का खूबसूरती से चित्रण कर रही हैं आप
जवाब देंहटाएंवाह....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सदा....
सस्नेह
अनु
बहुत सलीके से रिश्तों की व्याख्या की है इस नज़्म में. मुझे अपना एक शेर याद आ गया. शायद पसंद आये-
जवाब देंहटाएंकिसी के साथ रहे उम्रभर पराये से
किसी का दो घडी मिलना बवाले-जान हुआ.
बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते बस
मनमोहन हो जाते है
कितना भी छेड़ लो
जबान नहीं चलाते हैं !
risto ko bahut hi sundar se sajaya hai aapne
जवाब देंहटाएंरिश्तों को अपना संसार है।
जवाब देंहटाएंखुल जाये जो बंध , वो गांठ होती है ?
जवाब देंहटाएंन टूटे न खुले , वो तेरा मेरा रिश्ता ..
खूबसूरती से चित्रण कर रही हैं आप रिश्तों को
जवाब देंहटाएंरिश्तों का यथार्थ बयां करती कविता...बढ़िया !!!
जवाब देंहटाएंरिश्तों की छवियाँ गढ़ती यह कविता सुंदर बन पड़ी है. बढ़िया रचना.
जवाब देंहटाएंरिश्ते कहीं जड़ कहीं चेतन तो कहीं अवचेतन में भी सुगबुगाहट जिंदा होने की
जवाब देंहटाएंअभिनव रचना...रिश्तों की गर्माहट जैसी..
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते प्यार की भाषा
जवाब देंहटाएंविश्वास की कीमत
और भावनाओं की बोली लगाकर
जिंदगी का सौदा कर डालते हैं
rishton ka rasayan samjh pana bhi bda mushkil hai...
sundar rachna..
अलग अलग रिश्ते और अलग अलग जज्बे.....हर जज्बा दिल से निकलता हुआ ......बहुत सुन्दर पोस्ट।
जवाब देंहटाएंरिश्ते भी कितना होते हैं ... अलग अलग रंग और एहसास लिए ...
जवाब देंहटाएंगहरी रचना ...
कुछ रिश्ते प्यार की भाषा
जवाब देंहटाएंविश्वास की कीमत
और भावनाओं की बोली लगाकर
जिंदगी का सौदा कर डालते हैं ///
loved the lines...
come and join the group...it would be pleasure to see you there...
http://www.facebook.com/#!/groups/424971574219946/
रिश्तों की दुनिया का सुंदर चित्रण .....
जवाब देंहटाएंरिश्तों पर गहन चिंतन ...विचारणीय प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत खूब, सदाजी! कभी कभी हम एक ही रिश्ते में ये सारे रिश्ते जी लेते हैं. आखिर ज़िन्दगी इतनी छोटी भी नहीं होती न. दो लोगों के बीच रिश्ता कभी इंकलाबी होता है, कभी अर्धजीवित/ अर्धमृत, और कभी अपने होने की सज़ा काटता हुआ.
जवाब देंहटाएंवाह ...हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंये कैसी सदा... जो रिश्तों के रेशों को खोल-खोलकर पहचान करा रही है और अपने को इन प्रकारों में खोजने को मजबूर कर रही है.
जवाब देंहटाएंमुझे यह रचना पढ़कर युवाओं के बीच बोला जाने वाला जुमला याद हो आया :
नवल प्रेमी युगल परस्पर ये बोलते पाये जाते हैं : "हम अपने रिश्ते को क्या नाम दें???"
घनघोर समस्या रहती है उनके सामने .... वे अपने बीच पनप रहे प्रेम को 'अनाम' 'बेनाम' कहकर संबोधित करते हैं.... और वे इस कन्फ्यूजन में ही 'रिश्ते' की मर्यादाएँ नहीं बना पाते, बड़े भी उन्हें नहीं समझा पाते.
सच्चे रिश्तों की अपनी एक अलग दुनिया होती हैं ...और वो रिश्ते सीधे दिल पे दस्तक देते है:)))
जवाब देंहटाएंरिश्तों से ही तो चलती है ज़िंदगी है इसलिए रिश्ते तोड़ना बहुत आसान होता है शायद मगर जोड़ना उतना ही मुश्किल क्यूंकि रिश्तों कि नीव होता है प्यार और विश्वास और उसी पर निर्भर करती है हर रिश्ते की उम्र....
जवाब देंहटाएंरिश्तों का उलझाव होता ही ऐसा है कि जो समझने की कोशिश करता है वो उलझता चला जाता है और जो महसूस करने की कोशिश करता है बस वही जान पाता है कि रिश्ते क्या होते हैं!!
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते प्यार की भाषा
जवाब देंहटाएंविश्वास की कीमत
और भावनाओं की बोली लगाकर
जिंदगी का सौदा कर डालते हैं
sunder
rachana
रिश्तों की सुन्दर पहचान ......ऐसे ही होते हैं यह ......सच !
जवाब देंहटाएंरिश्तों के मिले-जुले आयाम !
जवाब देंहटाएंजिन्हें सभी को सम्भालना पड़ता है !
rishto ko bahut clearly categorize kiya hai aapne.
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना! बहुत खूब बखान किया है रिश्तों का!
जवाब देंहटाएं~कुछ रिश्ते चलते रहते हैं...मगर फिर भी एक ही जगह थमे रह जाते हैं...,
कुछ रिश्ते थमे से रहते हैं...फिर भी मंज़िल के नज़दीक पहुँच जाते हैं...
~सादर !
बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंरिश्ते ही तो रिश्तों को मजबूत बनाते है ।
जवाब देंहटाएंजतन से सम्हालिये इन्हें वरना ये ताबूत बनाते है ।
कुछ रिश्ते प्यार की भाषा
जवाब देंहटाएंविश्वास की कीमत
और भावनाओं की बोली लगाकर
जिंदगी का सौदा कर डालते हैं
बहुत उम्दा काट कही है आपने ।