कतरा-कतरा मुहब्बत ने जब दम तोड़ा
नफ़रत की दहलीज़ पे
मत पूछ मेरे क़ातिल किस तरह
फिर मैं मुहब्बत के ज़नाज़े में
शामिल हुई
...
बेवफ़ाई शिक़ायत फ़रेब बेक़सी
चार कांधे उसको मिले
बेगानों से
परायेपन के कफ़न में लिपटी मुहब्बत
दुआओं के फ़ूलो को तरसती हुई
दफ़न हो गई
बददुआ की खाक़ पर
नफ़रत की दहलीज़ पे
मत पूछ मेरे क़ातिल किस तरह
फिर मैं मुहब्बत के ज़नाज़े में
शामिल हुई
...
बेवफ़ाई शिक़ायत फ़रेब बेक़सी
चार कांधे उसको मिले
बेगानों से
परायेपन के कफ़न में लिपटी मुहब्बत
दुआओं के फ़ूलो को तरसती हुई
दफ़न हो गई
बददुआ की खाक़ पर
बेवफ़ाई शिक़ायत फ़रेब बेक़सी
जवाब देंहटाएंचार कांधे उसको मिले
गज़ब का मानवीकरण ...
शनिवार 16/06/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. आपके सुझावों का स्वागत है . धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंना जाने ये बददुआ का सिलसिला कब थमेगा ??
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंआभार ||
मार्मिक अभिव्यक्ति। शुभकामनाये।
जवाब देंहटाएंबेवफ़ाई शिक़ायत फ़रेब बेक़सी ये
जवाब देंहटाएंचार कांधे ..... यूँ ही सब को मिलजाया करते है .....इनकी तो आदत होगई..सुन्दर प्रस्तुति...
वहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंक्या कहने
ह्म्म्म्म्म्म
जवाब देंहटाएंआज कुछ नया रंग???
बहुत बढ़िया ...
सस्नेह.
परायेपन के कफ़न में लिपटी मुहब्बत
जवाब देंहटाएंदुआओं के फ़ूलो को तरसती हुई
दफ़न हो गई
बददुआ की खाक़ पर
bahut khub
परायेपन के कफ़न में लिपटी मुहब्बत
जवाब देंहटाएंदुआओं के फ़ूलो को तरसती हुई
दफ़न हो गई
बददुआ की खाक़ पर
बहुत संवेदनशील
उफ़ ……………मोहब्बत तेरी यही कहानी………दिल को छू गयी
जवाब देंहटाएंकाँच बनने में लगी मेहनत और टूटने की आवाज बेहिसाब होती है..
जवाब देंहटाएंsubhanallah....bahut khub
जवाब देंहटाएंदुआओं के फ़ूलो को तरसती हुई
जवाब देंहटाएंदफ़न हो गई
बददुआ की खाक़ पर,,,,,
सुंदर प्रस्तुति,,,संवेदन शील रचना,,,,,
दिल को छु जाने वाली पंक्तियाँ सुन्दर
जवाब देंहटाएंदर्द ही दर्द ....बेहद गहन ...!!
जवाब देंहटाएंमन तरपत हरि दरसन को आज ...
प्रचंड दर्द भरा शाप !!
जवाब देंहटाएंदर्द सिमट कर कविता में ढल गया!
जवाब देंहटाएंयह तो इंतहां है।
जवाब देंहटाएंगहरे उतर गए विचार ....वाह
जवाब देंहटाएंबेवफ़ाई शिक़ायत फ़रेब बेक़सी
जवाब देंहटाएंचार कांधे उसको मिले ...
bahut badhiya
"परायेपन के कफ़न में लिपटी मुहब्बत
जवाब देंहटाएंदुआओं के फ़ूलो को तरसती हुई
दफ़न हो गई
बददुआ की खाक़ पर"
गहन वेदना समाए सुंदर अभिव्यक्ति!
Dardmayi rachna...
जवाब देंहटाएंहृदयस्पर्शी नज़्म....
जवाब देंहटाएंbahut umda!
जवाब देंहटाएंबेवफ़ाई शिक़ायत फ़रेब बेक़सी
जवाब देंहटाएंचार कांधे उसको मिले
बेगानों से
परायेपन के कफ़न में लिपटी मुहब्बत
दुआओं के फ़ूलो को तरसती हुई
दफ़न हो गई
बददुआ की खाक़ पर
नया अंदाज़ अभिव्यक्ति का ,व्यंजना को जैसे पंख लग गएँ हैं .
Read more: http://www.dailymail.co.uk/health/article-2159087/Healthy-people-share-bodies-10-000-species-germs.html#ixzz1y5dKc7O2
मत पूछ मेरे क़ातिल किस तरह
जवाब देंहटाएंफिर मैं मुहब्बत के ज़नाज़े में
शामिल हुई
ये भी प्यार और शिकायत का निराला अंदाज़ हुआ .......
उत्कृष्ट प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंपरायेपन के कफ़न में लिपटी मुहब्बत
जवाब देंहटाएंदुआओं के फ़ूलो को तरसती हुई
दफ़न हो गई ...
very impressive...
.
बहुत भावपूर्ण रचना |
जवाब देंहटाएंआशा
बेहतरीन
जवाब देंहटाएंसादर
परायेपन के कफ़न में लिपटी मुहब्बत
जवाब देंहटाएंदुआओं के फ़ूलो को तरसती हुई
दफ़न हो गई ...
मोहब्बत हमेशा से चश्मेबद का शिकार होती आई है. दर्द का ब्यान त्रासदी को कह जाता है.
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंइस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (17-06-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
बहुत मर्मस्पर्शी
जवाब देंहटाएंपरायेपन के कफ़न में लिपटी मुहब्बत
दुआओं के फ़ूलो को तरसती हुई
दफ़न हो गई ...
मोहब्बत को प्रायः कफ़न ही नसीब होता है |
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंपरायेपन के कफ़न में लिपटी मुहब्बत
जवाब देंहटाएंदुआओं के फ़ूलो को तरसती हुई
दफ़न हो गई
बददुआ की खाक़ पर
जबरदस्त मोहब्बत का खाके सुपुर्द होना.
परायेपन के कफ़न में लिपटी मुहब्बत
जवाब देंहटाएंदुआओं के फ़ूलो को तरसती हुई
दफ़न हो गई
बददुआ की खाक़ पर
....बहुत मार्मिक....
दर्दभरी भावपूर्ण रचना..
जवाब देंहटाएंउफ़ ये मुहब्बत ...बहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...
जवाब देंहटाएंदुआओं के फ़ूलो को तरसती हुई
जवाब देंहटाएंदफ़न हो गई
बददुआ की खाक़ पर
आह ये मुहब्बत !
गहनता से परिपूर्ण रचना ......
जवाब देंहटाएंदुआओं के फ़ूलो को तरसती हुई
जवाब देंहटाएंदफ़न हो गई ...
और कहते हैं.. कि मोहब्बत करनेवाले इस सिले में भी ख़ुशी ख़ुशी मर जाते हैं!!
बेहद खूबसूरत