तुम मानो या नहीं
पर कोई तो है सर्वशक्तिमान
जो सबल बनाता है निर्बल को
तुम्हारी हर आवाज़ को सुनता है
पलटकर जवाब भी देता है
तुम समझ पाओ या नहीं
देख पाओ या नहीं
पर कोई तो है ...
कभी देखा है तुमने
काई पर चलकर जिसपर चलते हुए
यह जानते हो कि फिसलन है यहां
पर कितनी मजबूती से तुम्हारे
कदम पड़ते हैं काई पर
कोई तो है ...
जो देता है मजबूती ...
पराजय को विजय के द्वार पर ले जाने की शक्ति
सर्वशक्तिमान के सिवाय किसी के पास नहीं ये
...
जीवन और मृत्यु से परे
अनश्वर आत्मा ''एकोsहम् द्वितीयोनास्ति''
जगत और जीवात्मा के कथन को सिद्ध
करती ... प्रत्येक कदम पर
जीवन दर्शन दिखलाती
कभी मन का संताप बनती
कभी ह्रदय का उल्लास बनती
कर्तव्य का बोध कराती
कभी बांधती मर्यादाओं में
कभी बनती तुम्हारी हथेली में
तक़दीर की कोई रेखा
बताओ किसने देखा है तन की
इस सूक्ष्मता को
जो हर प्राणी के शरीर में
सर्वशक्तिमान होकर विराज़मान है
अदृश्य होकर भी वह
कण-कण में समाहित है
तुम मानो या नहीं पर कोई तो है ...
true...
जवाब देंहटाएंजीवन और मृत्यु से परे
जवाब देंहटाएंअनश्वर आत्मा ''एकोsहम् द्वितीयोनास्ति''.....सत्यम शिवम सुन्दरम....
सर्वशक्तिमान होकर विराज़मान है
जवाब देंहटाएंअदृश्य होकर भी वह
कण-कण में समाहित है
तुम मानो या नहीं पर कोई तो है ...
बहुत बढ़िया प्रस्तुति,सुंदर भावपूर्ण रचना,,,,,
RECENT POST ,,,, काव्यान्जलि ,,,, अकेलापन ,,,,
सर्वशक्तिमान होकर विराज़मान है
जवाब देंहटाएंअदृश्य होकर भी वह
कण-कण में समाहित है
तुम मानो या नहीं पर कोई तो है...!!
.......koi maane ya naa maane par ye satya hai .
सब उसी से है
जवाब देंहटाएंहै...बिलकुल है......हमारा होना ही इसकी पुष्टि करता है......
जवाब देंहटाएंसच ...कोई तो है .... सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंतभी तो उसे परमपिता कहते हैं.. पालनहार!!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता!!
सार्थक रचना ....
जवाब देंहटाएंपर कोई तो है सर्वशक्तिमान
जवाब देंहटाएंजो सबल बनाता है निर्बल को
तुम्हारी हर आवाज़ को सुनता है
bahut khub
सच है और हमारे न मानने से व 'नहीं' नहीं हो जाता है वो 'है' तो है ....सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंकोई तो है ...
जवाब देंहटाएंजो देता है मजबूती ...
पराजय को विजय के द्वार पर ले जाने की शक्ति
सर्वशक्तिमान के सिवाय किसी के पास नहीं ये
the ALLMIGHTY .OMNI PRESENCE.
इसमे क्या शक है।
जवाब देंहटाएंहर तरफ हर जगह हर कही पे है उसकी का नूर ...
जवाब देंहटाएंकोई तो है जिसके आगे है आदमी मजबूर !
अवश्य !
सही है। जो अनुभव करना चाहेगा,वही जान पाएगा।
जवाब देंहटाएंअदृश्य होकर भी वह
जवाब देंहटाएंकण-कण में समाहित है
तुम मानो या नहीं पर कोई तो है ...
bahut sundar bhaav ..!!
अदृश्य होकर भी वह
जवाब देंहटाएंकण-कण में समाहित है
तुम मानो या नहीं पर कोई तो है ...
....बिलकुल सच...इसे सिर्फ़ अनुभव किया जा सकता है...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
sach me koi to hai.. jo hame chala raha hai....
जवाब देंहटाएंउसकी इच्छा के बिना कुछ संभव नहीं!
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता!
यह विश्वास ही सबसे बडा सम्बल है ।सुन्दर कविता ।
जवाब देंहटाएंयह विश्वास ही सबसे बडा सम्बल है ।सुन्दर कविता ।
जवाब देंहटाएंवो हर कहीं विराजमान है..... बस विश्वास बना रहे ....
जवाब देंहटाएंयही विश्वास हमें हौसला देता है....
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन रचना..
vo hai .............bas man me viswas honi chahiye
जवाब देंहटाएंकोई तो है ...
जवाब देंहटाएंजो देता है मजबूती ...
पराजय को विजय के द्वार पर ले जाने की शक्ति
सर्वशक्तिमान के सिवाय किसी के पास नहीं ये
सुन्दर अभिव्यक्ति...
adbhut shabd sanyojan....nice
जवाब देंहटाएंसच कहा कोई तो है ....जो जिंदगी ले लेता है और वहां डाक्टर ,दवा दुआ सब फेल हो जाते हैं इंसान के बस में कुछ भी नहीं रहता ...सर्वशक्तिमान ....बहुत सुन्दर लिखा है
जवाब देंहटाएंतुम मानो या नहीं
जवाब देंहटाएंपर कोई तो है सर्वशक्तिमान
जो सबल बनाता है निर्बल को
तुम्हारी हर आवाज़ को सुनता है
पलटकर जवाब भी देता है
तुम समझ पाओ या नहीं
देख पाओ या नहीं
पर कोई तो है ...
sach kaha ...yahi hai aek sachchai ....
बिलकुल है और वो पास ही है ... बस देख नहीं पाते हम उसे ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना ...
bahot sunder likha hai......
जवाब देंहटाएंachha likha hai, sach hai koi to hai jo harpal sang hai, apni anoobhooti karata hai par ise jaanna aasaan nhi to kathin bhi nahi.
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen
आपकी कविता का भाव मन को स्पंदित कर गया । किसी भी कविता में भाव-प्रवणता का समन्वय उसे सार्थकता प्रदान करता है । मेरे नए पोस्ट 'खड़ी बोली का प्रतिनिधि कवि-मैथिलीशरण गुप्त" पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएं'विश्वासं फल दायकं'. सुंदर अभिव्यक्ति.
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