दो बूंद जिन्दगी के
पोलियो की जंग में
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दो बूंद
वास्तव में
ये सिर्फ जिन्दगी से कहीं
बढ़कर होते हैं
आपने कभी देखा है
बच्चों की मुस्कराहट को,
वो जब इसे पीने जाते हैं,
कितना उत्साह होता है
उनमें आज हम
दो बूंद पीने जाएंगे
भइया को भी ले जाएंगे
खुशी व्यक्त करती उनकी मुस्कान
इन दो बूंदों से उनके
कदमों में रहता सारा जहान
jindagi ko sawarati ye do boond sach me jindagi se bdhkar hai..ek nahi kitani jindagi sawar deti hai..
जवाब देंहटाएंsundar bhav..aur sundar kavita
badhayi
सच कहा..... दो बूँद पोलीयो की.......... और दो बूँद पानी की.......... जीवन ओ कभी भी बचा सकती हैं
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar ehsas me piro diya hai is do bunda ko aapane........bahut hi badhiya
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखती है आप अच्छी लगी आपकी यह रचना भी ..शुक्रिया
जवाब देंहटाएंसच कहा जी !
जवाब देंहटाएंइन दो बूंदों से उनके
जवाब देंहटाएंकदमों में रहता सारा जहान
-बिल्कुल सही कहा!! सुन्दर संदेश!!
कदमो मे जहान भरने के लिये दो बून्द तो जरूरी है ही ---
जवाब देंहटाएंशायद ये ब्लाग पहले मेरी नज़र से रह गया इस्ने तो कमाल की रचनायें हैं बहुत सुन्दरकविता है पोलियो अभियान सच मे ही बच्चों के लिये वरदान है बधाई
जवाब देंहटाएंjiyo
जवाब देंहटाएंjiyo
waah waah
bahut khoob...........................
आप सबके स्नेह व सहयोग से ये ही संभव हो सका है आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंइन दो बूंदों से उनके
जवाब देंहटाएंकदमों में रहता सारा जहान
बहुत खूब,
सामाजिक सरोकार...
एक नए विषय की कविता...
बधाई...