मैं हंस कर सह लूंगी तेरे दिये गम सारे,
छलक आए जो आंसू छुपा लूंगी वो सारे,
पहरे पे बैठी तबस्सुम कुछ इसतरह से,
कितने भी गम देकर देख नहीं हम हारे ।
होगा, मुहब्बत का जिसमें ना होंगे किनारे ।
टूट के बिखरा तो हांथ आयेंगे टुकड़े सारे ।
उड़ने का हौसला हो मन में जब तो कहां,
सोचता कोई नहीं सदा पर नही हैं हमारे ।
टूट के बिखरा तो हांथ आयेंगे टुकड़े सारे ।
जवाब देंहटाएंbahut sundar rachana
खेलना दिल से सितमगर संभल कर जरा,
जवाब देंहटाएंटूट के बिखरा तो हांथ आयेंगे टुकड़े सारे ।
-क्या बात है, वाह!