आकार लेने से पहले मेरे जहां जन्म लेना है मुझे,
क्यों एक दहशत सी हो जाती है कहीं कन्या न हो ।
मेरी मौत का सामान सजाते ये कहीं कन्या न हो ।
मेरे मन की बातें रह जाती मन में मेरा तो कोई अभी,
अस्तित्व ही नहीं फिर सोचा कैसे ये कहीं कन्या न हो ।
देवी का दर्जा भी दिया मुझे, खुद को कलंकित भी किया,
अन्त कर देते जन्म लेने से पहले कहीं ये कन्या न हो ।
भय है मेरा इतना इनको नाम मेरा आकार ना ले ले कहीं,
भय मुक्त होने को निष्प्राण करते मुझे कहीं ये कन्या न हो ।
बहुत सत्य अभिव्यक्ति यही इस समाज की विडंवना है कि माँ के ना चाहते हुये भी उसे ये डर सताता रहता है शुभकामनायें आभार्
जवाब देंहटाएंह्रदय स्पर्शी रचना ..............सत्य लिखा है..........
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत मार्मिक पता नही क्यो ? यह सवाल हमेशा जेहन मे आता है कि दुनिया ऐसा क्यो सोचती है .............इन लडकियो से ही अस्तित्व है इस दुनिया की पर यही गुनाहगार भी है और दुख का कारण भी.........
जवाब देंहटाएंकही कन्या न हो --
जवाब देंहटाएंमर्म को छू लेने वाली रचना
बहुत गहरे उतर गई रचना..!
जवाब देंहटाएंsenti hai...
जवाब देंहटाएंhindyugm pe yuni pathak banne par badhayee...
कहने को तो हमने बहुत तरक्की कर ली... पर क्या वास्तव में....?
जवाब देंहटाएंबेटियों के लिए अपनी मानसिकता अब भी वही सदियों पुरानी है..
....बहुत सुन्दर लिखा है आपने.
मेरे मित्र कुछ पक्तियां सुनाया करते शायद सुमित्रानंदन पन्त की थी पूरी तो याद नहीं जो टूटी फूटी याद है उस दोहरा रहा हूँ
जवाब देंहटाएंचूल्हे नहीं जले थे
बधावे नहीं बजे थे
जब कन्या का जन्म हुआ था
बाबुल उसी दिन के
बाजे विदाई पर
शायद आज तेरे द्वारे बजते हैं \\
मुझे लाईने ठीक से याद नहीं है ,अगर किसी ब्लोगर के पास हो तो ईमेल करने कष्ट करे |
आप की इस कविता ने ''पन्त जी '' किउसी रचना की याद दिला दी !
पर आज के इस युग में इतना डर के नहीं जिया जा सकता ,
बढा हाथ छीन ले अपने हक़-हकूक ,
हस्ती नहीं कोई जो मिटा सकती तेरा वजूद ,
तेरे वजूद से ही है खुद इंसानों का वजूद
देवी का दर्जा भी दिया मुझे, खुद को कलंकित भी किया,
जवाब देंहटाएंअन्त कर देते जन्म लेने से पहले कहीं ये कन्या न हो ।
बहुत सुन्दर सदा !
सामाजिक विद्रूपता पर सटीक प्रहार करती है यह रचना।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
aaj ke katu satya ko aapne bakhubi ujagar kiya hai.....aise hi likhte rahein.
जवाब देंहटाएंgood
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