कुछ रिश्ते
धोखा होते हैं
जो छल करते हुए
जिन्दा रहते हैं !
.....
कुछ रिश्ते
अंबर होते हैं
कहीं भी रहो
वो अपना साया कर देते हैं !
.....
कुछ रिश्ते
बन जाते हैं स्वयं ही
कुछ बनाये जाते हैं
कुछ टूट जाते हैं
फिर भी निभाये जाते हैं !
...
कुछ रिश्ते
हमेशा साथ होते हैं
चाहे वक्त उनमें कितनी भी
दूरियां ले आये !
...
कुछ रिश्ते सूख जाते हैं
वक़्त की धूप में जब भी
एक प्यास जागती है मन में
इन्हें नम रखने के लिए !!!
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धोखा होते हैं
जो छल करते हुए
जिन्दा रहते हैं !
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कुछ रिश्ते
अंबर होते हैं
कहीं भी रहो
वो अपना साया कर देते हैं !
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कुछ रिश्ते
बन जाते हैं स्वयं ही
कुछ बनाये जाते हैं
कुछ टूट जाते हैं
फिर भी निभाये जाते हैं !
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कुछ रिश्ते
हमेशा साथ होते हैं
चाहे वक्त उनमें कितनी भी
दूरियां ले आये !
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कुछ रिश्ते सूख जाते हैं
वक़्त की धूप में जब भी
एक प्यास जागती है मन में
इन्हें नम रखने के लिए !!!
....
रिश्तों की बेहद सुन्दर गाथा गूँथ दी है आपने सदा दीदी, ह्रदय स्पर्शी रचना बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंहाँ रिश्तों का रूमानी संसार ज़िंदा रखता है आदमी को बादे मर्ग (मौत के बाद )भी .बढ़िया प्रस्तुति .
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंएक उलझन सी है जिसमें
कुछ ख्याल उलझ गये हैं
कुछ गुथे से हैं एक दूसरे में (गुंथे से हैं एक दूसरे में )
अपनी मैं का मान लिए
सबके सम्मान में
खामोश सी मैं एक
नन्हें ख्याल की उँगली थाम
चली हूँ अभी - अभी
कहीं वो गुम न जाए
ख्यालों की भीड़ में !!!
गुंथे शब्द ठीक करें कृपया ,देखिये मैंने ऊपर "दुसरे" का शुद्ध रूप दूसरे लिख दिया है यह गलती मुझसे हुई थी .गूंथना शब्द है .
बढ़िया एहसासात को संजोये हैं ये चंद पंक्तियाँ .
गहन और सशक्त ....जीवन दर्शन कराती रचना ...सदा जी ....!!
जवाब देंहटाएंसुन्दर.....सुन्दर....सुन्दर..........
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते सूख जाते हैं
वक़्त की धूप में जब भी
एक प्यास जागती है मन में
इन्हें नम रखने के लिए !!!
ये तो लाजवाब है.......
सस्नेह
अनु
सुन्दर एहसासों को संजोये आपकी यह रचना अच्छी लगी. बधाई.
जवाब देंहटाएंरिश्तों की परख करती सुंदर रचना..
जवाब देंहटाएंवाह.......बेहतरीन लगी पोस्ट।
जवाब देंहटाएंriston ki sateek vevechna.........
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति.....
जवाब देंहटाएंमन को छू लेने वाली पंक्तिया
जवाब देंहटाएंरिश्तों की परख करती सशक्त सुंदर रचना,,,
जवाब देंहटाएंrecent post : प्यार न भूले,,,
कुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंधोखा होते हैं
जो छल करते हुए
जिन्दा रहते हैं !
Kitna bada sach kah diya aapne!
खुबसुरत रचना.
जवाब देंहटाएंसादर.
रिश्ते स्वयं को संजोये जाते देखना चाहते हैं।
जवाब देंहटाएंरिश्ते होते हैं मीठे नमकीन कडवे तीते
जवाब देंहटाएंफिर भी हम इंन्हे निभाते हैं चाहे हारें या जीते ।
behad gahra manthan ...
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार रचना आपको बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंवाह सदाजी ...रिश्तों को खूब पहचाना और परिभाषित किया ....एक रिश्ता और होता है ...अनदेखा ..अनजाना मगर प्यारा सा ...जो हमारे बीच है .....:)
जवाब देंहटाएंसच में रिश्तों के बहुत रूप होते हैं बहुत बढ़िया प्रस्तुति बधाई आपको
जवाब देंहटाएंहर रिश्ते का अपना महत्व और अपनी कहानी है
जवाब देंहटाएंरिश्तों में सदा जी सदा सिक्तता ही होती है जो छल और टूटन से दूर होती है. रिश्तों को सदा अपनी भांति नम रखें अम्बर की विशालता आपने आप समा जाती है.
जवाब देंहटाएंरिश्तों के विभिन्न रूप...बहुत सुंदर और सटीक...
जवाब देंहटाएंसुन्दर व् सार्थक अभिव्यक्ति .आभार
जवाब देंहटाएंहम हिंदी चिट्ठाकार हैं
रिश्ते लिए रहतें हैं अक्सर एहसासात के पंख कुछ पंख हीन भी बने रहतें हैं .
जवाब देंहटाएंरिश्तों के जितने आयाम आपने अपनी कविता में दिखाए हैं वो आपकी रिश्तों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है!! बहुत ही सुन्दर कविता सदा जी!!
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते सूख जाते हैं
जवाब देंहटाएंवक़्त की धूप में जब भी
एक प्यास जागती है मन में
इन्हें नम रखने के लिए !!!
बहुत खूब ... रिश्तों के मायने बताती सुंदर क्षणिकाएं
कुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंधोखा होते हैं
जो छल करते हुए
जिन्दा रहते हैं !
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कुछ रिश्ते
अंबर होते हैं
कहीं भी रहो
वो अपना साया कर देते हैं !
Superb ! I am speechless....
Manju Mishra
www.manukavya.wordpress.com