कुछ रिश्ते होते हैं ऐसे,
जिनमें नहीं होता
कोई रक्त सम्बंध
फिर भी वे दिल की
धड़कन जैसे होते हैं
...
कुछ रिश्ते होते हैं ऐसे,
जैसे कोई अनचाहा
बोझ
कहते हैं ऐसे रिश्तो को
तोड़ना बेहतर
...
कुछ रिश्ते होते हैं
धर्म के
जिनकी पवित्रता का
बोध बिल्कुल
ईश्वर जैसा होता है
...
कुछ रिश्ते
यक़ीन होते हैं
जो क़ायम रखते हैं
खुद को मरते दम तक
....
जिनमें नहीं होता
कोई रक्त सम्बंध
फिर भी वे दिल की
धड़कन जैसे होते हैं
...
कुछ रिश्ते होते हैं ऐसे,
जैसे कोई अनचाहा
बोझ
कहते हैं ऐसे रिश्तो को
तोड़ना बेहतर
...
कुछ रिश्ते होते हैं
धर्म के
जिनकी पवित्रता का
बोध बिल्कुल
ईश्वर जैसा होता है
...
कुछ रिश्ते
यक़ीन होते हैं
जो क़ायम रखते हैं
खुद को मरते दम तक
....
अच्छी सीरिज
जवाब देंहटाएंदेखे रिश्ते अनगिनत, खट्टे मीठे स्वाद ।
कुछ को भूले हो भला, रहें सदा कुछ याद ।
रहें सदा कुछ याद, नेह का मेह बरसता ।
त्याग भाव नि:स्वार्थ, समर्पित खुद को करता ।
रविकर मूर्ति बनाय, पूज ले भले फ़रिश्ते ।
रहो बांटते प्यार, बनाओ ऐसे रिश्ते ।।
waah bahut sundar ......sahi kaha
जवाब देंहटाएंदो दिल रंग और ब्रश की तरह एक रिश्ते रूपी तस्वीर को गढ्ते हैं... :)
जवाब देंहटाएंअलग अलग रिश्तों की अलग अलग कहानी...
जवाब देंहटाएंरिश्ते वही होते हैं,जो धड़कते हैं
जवाब देंहटाएंरिश्तों को परिभाषित करती कविता ...बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत गहन और सशक्त पोस्ट।
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंयक़ीन होते हैं
जो क़ायम रखते हैं
खुद को मरते दम तक
शायद यही रिश्ते सबसे अधिक पायदार होते हैं.
कुछ रिश्ते होते हैं ऐसे,
जवाब देंहटाएंजिनमें नहीं होता
कोई रक्त सम्बंध
फिर भी वे दिल की
धड़कन जैसे होते हैं
आपके रिश्तों की डोर को समर्पित
खून के रिश्ते अजीब होते हैं? कुछ रिश्ते अज़ीज़ होते हैं
आप मानों न मानों इनकी? यही दिल के करीब होते हैं .
रिश्तों को लेकर बहुत सुन्दर रचना लिखी है आपने!
जवाब देंहटाएंरिश्तों को बहुत गहरे भावों में डूब कर परिभाषित किया है और यही सच्चाई है
जवाब देंहटाएंरिश्तों को गहरे भावों में परिभाषित करती बेहतरीन रचना,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST LINK...: खता,,,
आपकी यह बेहतरीन रचना बुधवार 31/10/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंगहरे भाव लिए रचना है सदा जी |
जवाब देंहटाएंआशा
rishton par sunder vishleshan.
जवाब देंहटाएंरिश्तों के विभिन्न रूपों का बहुत सुन्दर और सटीक चित्रण...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.....
जवाब देंहटाएंकितनी परिभाषाएँ हैं न रिश्तों की...???
फिर भी समझ पाना कठिन...
सस्नेह
अनु
बहुत सुन्दर.....
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार ३० /१०/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका स्वागत है |
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते होते हैं ऐसे,
जैसे कोई अनचाहा
बोझ
कहते हैं ऐसे रिश्तों को
तोड़ना बेहतर ..........
कुछ रिश्ते होते हैं मोहब्बत के चंद अशआर .बहुत उत्कृष्ट रचना है भाव जगत के शिखर की .
बहुत ही सुन्दर रचना....
जवाब देंहटाएं:-)
रिश्ते निभाना बड़ी बात है...तोडना भी हो तो खुबसूरत अंजाम दे कर...
जवाब देंहटाएंरिश्तों को बहुत सटीक परिभाषाओं में उतारा है ....
जवाब देंहटाएंगहरापन गहराता जा रहा है..
जवाब देंहटाएंkuchh riste chah kar bhi ban nahi pate aur kuchh riste anchahe ban jate hai. alag alag risto ki paribhasha achchhi lagi
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंयक़ीन होते हैं
जो क़ायम रखते हैं
खुद को मरते दम तक
रिश्तों का गहन अध्ययन
तरह तरह के रिश्ते ..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ..
गहन भाव अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंकितने अजीब रिश्ते हैं यहाँ के
जवाब देंहटाएंरिश्तों की डोर बड़ी नाज़ुक होती है जिसे टूटने
जवाब देंहटाएंमें जरा भी देर नहीं लगती। और विश्वास के
धागे की बनी डोर हर झंझावात को सहन करने
की सामर्थ्य रखती है।
आनन्द विश्वास।
कुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंयक़ीन होते हैं
जो क़ायम रखते हैं
खुद को मरते दम तक ...
........................................
दमदार कलम से निकली सुन्दर रचना
साथ में रिश्तों का बढ़िया चित्रण ....
बिना रक्त सम्बंध के,कुछ रिश्तों में जान
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते हैं बोझ-से,जीवन में व्यवधान
जीवन में व्यवधान ,और कुछ ईश्वर जैसे
धर्म समाया मूल , वहाँ कटुता हो कैसे
कुछ रिश्ते विश्वास,न तोड़ें मरते दम तक
बदले युग या काल,चले आते हैं हम तक ||
बहुत सुन्दर .बहुत खूब,बेह्तरीन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएं@ रशिम माँ ने सही कहा है .....रिश्ते वही होते हैं,जो धड़कते हैं
जवाब देंहटाएंजो निभ जाए ,वही रिश्ता ,
जवाब देंहटाएंशेष असार ,
सिर्फ इस्तहार .
शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .
यकीनी रिश्ते ही तो असली रिश्ते होते हैं ।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंइतने मायने .. गूढ़ सारगर्भित ..
सादर
मधुरेश