कुछ रिश्ते ऋणी होते हैं,
जिनकी कितनी भी
किस्ते अदा की जायें
ब्याज़ चुकाया जाये
फिर भी इनका
ऋण चुकता नहीं होता
...
कुछ रिश्ते अनमोल होते हैं
इनका मोल चुकाने के लिए
बेशकीमती खजाने
कम पड़ जाते हैं
....
कुछ रिश्ते
मध्यमा, अनामिका
और कनिष्ठिका नहीं
बल्कि तर्जनी होते हैं
जिन्हें पकड़कर कोई
बच्चा अपना पहला
कदम रखता है
विश्वास से
...
कुछ रिश्तों में बंधन नहीं होता
कोई भी
फिर भी वे बंधे होते हैं
मजबूती से बिना किसी डोर के
.....
जिनकी कितनी भी
किस्ते अदा की जायें
ब्याज़ चुकाया जाये
फिर भी इनका
ऋण चुकता नहीं होता
...
कुछ रिश्ते अनमोल होते हैं
इनका मोल चुकाने के लिए
बेशकीमती खजाने
कम पड़ जाते हैं
....
कुछ रिश्ते
मध्यमा, अनामिका
और कनिष्ठिका नहीं
बल्कि तर्जनी होते हैं
जिन्हें पकड़कर कोई
बच्चा अपना पहला
कदम रखता है
विश्वास से
...
कुछ रिश्तों में बंधन नहीं होता
कोई भी
फिर भी वे बंधे होते हैं
मजबूती से बिना किसी डोर के
.....
सदा सर्वदा सत्य सब, शाश्वत संत सँदेश |
जवाब देंहटाएंकबहूँ ममतामयी का, मत ठुकरा आदेश |
aapkee sundar rachnaa kaa muqaablaa to ho nahee saktaa,phir bhee rahaa nahee gayaa,meree ek rachnaa post karne kee dhrashtaa kar rahaa hoon
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते
दिल से होते
मन में बसते
चाहे अनचाहे
अनजाने में बनते
किसी रिश्ते से
कम नहीं होते
निरंतर मिलने की
ख्वाइश तो होती
मुलाक़ात हो ना हो
दूरियां उनमें
खलल नहीं डालती
नजदीकियां
दिल की होती
इक कसक दोनों
तरफ होती
दिल से दुआ
एक दूजे के लिए
निकलती
कमी दिल में सदा
खलती
याद से रौनक
चेहरे पर आती
जहन में सुखद
अनुभूती होती
कुछ रिश्ते....
13-09-2011
1496-68-09-11
कुछ रिश्तों में बंधन नहीं होता
जवाब देंहटाएंकोई भी
फिर भी वे बंधे होते हैं
मजबूती से बिना किसी डोर के..........bahut khub .sundar .
बहुत खूब |
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते बेनामी का चादर ओढ़े,बस अहसास से बयां होते हैं...
सादर|
par ye riste hamare apne hote hai jinme bandh kar rahna hame pasand hota hai...........
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रिश्तों की परिभाषा दी है।
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर अभिव्यक्ति। समर्पण हर रिश्ते के
जवाब देंहटाएंआधार-स्तम्भ की बुनियाद होती है। समर्पित
व्यक्ति के रिश्तों की डोर कभी कमजोर नहीं
हो पाती है।
आनन्द विश्वास।
रिश्तों के प्रतिबिंबों को उकेरती सुंदर भावाभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंसच में रिश्तो की गहराई बताती एक कविता
जवाब देंहटाएंतुम तो शिखर से धरती की व्याख्या कर रही हो...गज्जब
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्तों में बंधन नहीं होता
कोई भी
फिर भी वे बंधे होते हैं
मजबूती से बिना किसी डोर के
अच्छी रचना
मेरे नए ब्लाग TV स्टेशन पर देखिए नया लेख
http://tvstationlive.blogspot.in/2012/10/blog-post.html
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (06-10-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
हर रिश्ता को आपने सुन्दरता से व्यक्त किया है .अति सुन्दर/
जवाब देंहटाएंhhtp://kpk-vichar.blogspot.in
कुछ रिश्तों में बंधन नहीं होता
जवाब देंहटाएंकोई भी
फिर भी वे बंधे होते हैं
मजबूती से बिना किसी डोर के.
रिश्तों की अहमियत इंसान के अपनी सोच से जुड़ी होती है. कुछ लोग तो रिश्तों को सिर्फ कपड़ों को बदलने से ज्यादा अहमियत नहीं देते हैं .
कुछ रिश्तों में बंधन नहीं होता
जवाब देंहटाएंकोई भी
फिर भी वे बंधे होते हैं
मजबूती से बिना किसी डोर के
हर रिश्ता खुबसूरत होता है , जिसे आपने बड़ी सुन्दरता से जिया है
कुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंमध्यमा, अनामिका
और कनिष्ठिका नहीं .........कनिष्ठ .......कनिष्ठा .....
बल्कि तर्जनी होते हैं
जिन्हें पकड़कर कोई
बच्चा अपना पहला
कदम रखता है
विश्वास से
कुछ रिश्तों में बंधन नहीं होता
कोई भी
फिर भी वे बंधे होते हैं
मजबूती से बिना किसी डोर के
.....सहजीवन से सहवर्धन करतें हैं ये परस्पर संबंधों का ,मिठास का .बहुत बढ़िया प्रस्तुति .बधाई .
कुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंमध्यमा, अनामिका
और कनिष्ठिका नहीं .........कनिष्ठ .......कनिष्ठा .....
बल्कि तर्जनी होते हैं
जिन्हें पकड़कर कोई
बच्चा अपना पहला
कदम रखता है
विश्वास से
कुछ रिश्तों में बंधन नहीं होता
कोई भी
फिर भी वे बंधे होते हैं
मजबूती से बिना किसी डोर के
.....सहजीवन से सहवर्धन करतें हैं ये परस्पर संबंधों का ,मिठास का .बहुत बढ़िया प्रस्तुति .बधाई .
ram ram bhai
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शुक्रवार, 5 अक्तूबर 2012
चील की गुजरात यात्रा
ये ऐसा क़र्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता,
जवाब देंहटाएंमैं जब तक घर न लौटूँ माँ मेरी सजदे में रहती है!
/
बस ऐसा ही एहसास पैदा करती है यह रचना!!
बहुत ख़ूब! वाह!
जवाब देंहटाएंकृपया इसे भी देखें-
नाहक़ ही प्यार आया
सच में कुछ रिश्ते ऐसे ही होते हैं जिनका कोई मोल नहीं होता।
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते अनमोल होते हैं
जवाब देंहटाएंइनका मोल चुकाने के लिए
बेशकीमती खजाने
कम पड़ जाते हैं
बिल्कुल सही..... सार्थक रचना
कुछ रिश्तों में बंधन नहीं होता
जवाब देंहटाएंकोई भी
फिर भी वे बंधे होते हैं
मजबूती से बिना किसी डोर के
रिश्तों की सुंदर परिभाषा ।
बहुत सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंवाकई कुछ रिश्ते तर्जनी जैसे होते है जिन्हें पकड़ कर जीना सीखते हैं !
जवाब देंहटाएंवाह जी वाह बस वाह ही वाह कुछ और क्या कहना सुन्दर
जवाब देंहटाएंऐसे रिश्ते बस जीवन में बने रहें।
जवाब देंहटाएंरिश्तों की बहुत नजाकत से विवेचना की है
जवाब देंहटाएंबहुत भावपूर्ण रचना |
आशा
रिश्तों की गहराई को बहुत ही
जवाब देंहटाएंसुन्दरता से व्यक्त किया है
बहुत सुन्दर रचना..
:-)
उनका उधार नहीं निपटाया जा सकता ...
जवाब देंहटाएंसच है !
बिना बंधन वाले रिस्तों मे स्थिरता ज्यादा रहती है, बहुत बढ़िया।
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंमध्यमा, अनामिका
और कनिष्ठिका नहीं
बल्कि तर्जनी होते हैं
जिन्हें पकड़कर कोई
बच्चा अपना पहला
कदम रखता है
विश्वास से.
रिश्तों का सहज विश्लेषण. सुंदर प्रस्तुति.
रिश्तों की खूबसूरत व्याख्या । ये रिश्ते ही जिंदगी को जिंदगी बनाते हैं ।
जवाब देंहटाएंरिश्तों की व्याख्या के लिये जितना भी लिखा जाये कम है फिर भी कुछ शब्दों मे खूबसूरत भावाव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंरिस्तो के बिना तो मानव की कल्पना करना व्यर्थ है
जवाब देंहटाएंरिश्तों को देखने की आपकी यह नजर बहुत खूब है...अच्छी प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंरिश्तों को लेकर आपकी लिखी ये सिरीज़ बेहद सुन्दर है.....हैट्स ऑफ इसके लिए ।
जवाब देंहटाएं