एक बचपन मन के आंगन में
उतरा खुशियों भरा
त्योहार 'राखी' का मनाने को
परम्पराओं की थाली में
आस्था का दीप जलाकर
रिश्तो की डोर को सहेजा
भावनाओं की मिठास से
...
स्नेह का तिलक लगाकर
दुआओं के अक्षत डाल
बहना ने कच्चे धागे से बांधा
रिश्तों के इस मजबूत बंधन को
वीर की कलाई पर
मुस्कान सजी नयन भीगे हैं फिर भी
उस भाई के लिए
बैठा है जो परदेस में कहता
मुझे पता है तुम ने
भेज दिया है मेरे लिए
लिफाफे में रख कितने दिन पहले से
उस रेश्म की डोर को
बांध लिया है मैने भी उसी स्नेह से
जैसे तुम बांधती हो
फिर भी मेरा मन मीलों दूर का सफ़र कर
पहुँच ही गया है घर की दहलीज़ पर
जहां मां के हाथ से बने पकवानों की खुश्बू है
तुम्हारा उपहार को लेकर चहकना है
बाबा का मुस्कराना है
इन पलों का खजाना बड़ा अनमोल है
दूर होकर भी पहुँच गया हूँ अपनों के पास
इस रेश्म की डोर के सहारे ही सही
आज के दिन हर बहन दूर होकर भी
मन से रहती है सदा हर भाई के पास
...
उतरा खुशियों भरा
त्योहार 'राखी' का मनाने को
परम्पराओं की थाली में
आस्था का दीप जलाकर
रिश्तो की डोर को सहेजा
भावनाओं की मिठास से
...
स्नेह का तिलक लगाकर
दुआओं के अक्षत डाल
बहना ने कच्चे धागे से बांधा
रिश्तों के इस मजबूत बंधन को
वीर की कलाई पर
मुस्कान सजी नयन भीगे हैं फिर भी
उस भाई के लिए
बैठा है जो परदेस में कहता
मुझे पता है तुम ने
भेज दिया है मेरे लिए
लिफाफे में रख कितने दिन पहले से
उस रेश्म की डोर को
बांध लिया है मैने भी उसी स्नेह से
जैसे तुम बांधती हो
फिर भी मेरा मन मीलों दूर का सफ़र कर
पहुँच ही गया है घर की दहलीज़ पर
जहां मां के हाथ से बने पकवानों की खुश्बू है
तुम्हारा उपहार को लेकर चहकना है
बाबा का मुस्कराना है
इन पलों का खजाना बड़ा अनमोल है
दूर होकर भी पहुँच गया हूँ अपनों के पास
इस रेश्म की डोर के सहारे ही सही
आज के दिन हर बहन दूर होकर भी
मन से रहती है सदा हर भाई के पास
...
बेहतरीन और सारगर्भित
जवाब देंहटाएंजन्मे दोनों इस घर में हम
जवाब देंहटाएंऔर साथ खेल कर बड़े हुए
घर में पहला अधिकार तेरा,
मैं, केवल रक्षक इस घर का
अब रक्षा बंधन के दिन पर, घर के दरवाजे बैठे हैं !
हम भरे ह्रदय,स्नेह सहित,कुछ याद दिलाने बैठे हैं !
हमसब दूर है, मजबूर है... फिर भी
जवाब देंहटाएंएहसासों के बंधन में बंधे है !
बेहतरीन प्रस्तुति ...!
आभार !
अनमोल पलों की याद दिला गयी .........
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारी रचना..
जवाब देंहटाएं:-)
कुछ अनमोल और सुखद सा अहसास लिए एक पवित्र सा बंधन है ये रेशम की डोर..बहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंNice Thought....
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन से जुड़ी भवानाओं की सुंदर भावाभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी रचना....
जवाब देंहटाएंराखी के पर्व की ढेरों शुभकामनाएं.
सस्नेह
राखी के पर्व की ढेरों शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति…………रक्षाबंधन की शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंभावो को शब्दों में उतार दिया आपने............
जवाब देंहटाएंइन पलों का खजाना बड़ा अनमोल है
जवाब देंहटाएंदूर होकर भी पहुँच गया हूँ अपनों के पास
इस रेश्म की डोर के सहारे ही सही
आज के दिन हर बहन दूर होकर भी
मन से रहती है सदा हर भाई के पास
...very very nice lines with feelings and thought
बहुत सुन्दर आपको रक्षाबंधन की शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंbahut khub....
जवाब देंहटाएंसबको राखी की शुभकामनायें..
जवाब देंहटाएंआज के दिन हर बहन दूर होकर भी
जवाब देंहटाएंमन से रहती है सदा हर भाई के पास,,,,
रक्षाबँधन की हार्दिक शुभकामनाए,,,
RECENT POST ...: रक्षा का बंधन,,,,
बेहतरीन प्रस्तुति ...रक्षाबंधन की शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी प्रस्तुति ... आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर....शुभकामनायें...
जवाब देंहटाएंवे भाई जिनकी बहने परदेस में हैं उनकी व्यथा को बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति दी है आपने..
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता. शुभकामनाएं....
जवाब देंहटाएंकच्चे धागों से बंधे पक्के रिश्तों का त्योहार "रक्षाबंधन" की हार्दिक शुभकामनाएँ !!!
जवाब देंहटाएंसुंदर !!
जवाब देंहटाएंमुझे पता है तुम ने
भेज दिया है मेरे लिए
लिफाफे में रख कितने दिन पहले से
उस रेश्म की डोर को
रेशमी धागों सा रेशमी अहसास जगाती स्नेह सिक्त रचना.बधाई...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना आज सभी यह त्योहार मना रहै है पर क्या वास्तव मे यह त्योहार अपने पुरातन स्वरूप को लिये है शायद नही
जवाब देंहटाएंयूनिक तकनीकी ब्लाग
बेहद सुन्दर भाव...
जवाब देंहटाएंराखी का यह अटूट बन्धन आपको बहुत-बहुत मुबारक । अच्छी कविता
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण कविता...रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंश्रावणी पर्व और रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
bahut pyari si dil ko chhune wali.... rakhi ki shubhkamnayen..:)
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर काव्यमय प्रस्तुति भाई बहन के अमित प्यार की स्नेह का तिलक लगाकर
जवाब देंहटाएंदुआओं के अक्षत डाल
बहना ने कच्चे धागे से बांधा
रिश्तों के इस मजबूत बंधन को
वीर की कलाई पर , मेरी राखी का मतलब है प्यार भईया, .सखी सहेली सब जुड़ आईं
हिल मिल खूब मल्हारें "गाईं".शुक्रिया .इस पर्व पर बहिन, भाई के अन्दर पिता का निस्स्वार्थ छाता, और भैया, माँ को ढूंढता है कहतें हैं जो भाई अपनी बहन से बहुत रागात्मक सम्बन्ध बनाए रहतें हैं उनके साथ स्नेहिल बने रहतें हैं उन्हें हार्ट अटेक नहीं पड़ता ,दिल की बीमारियों से बचाता है माँ के जाने के बाद बहन का प्यार .रक्षा बंधन मुबारक -झूमें ये सावन सुहाना ,भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना ,शायद वो सावन भी आये ,जो पहले सा रंग न लाये, बहन पराये देश बसी हो ,अगर वो तुम तक पहुँच न पाए ,झूमें ये सावन सुहाना ...इस गीत की मिसरी बचपन में ले जाती है .छोटी बहन का यह गीत आज भी उतना ही मीठा लगता है जितना "चंदा मामा दूर के ,पुए पकाए बूर के ,आप खाएं प्याली में ,मुन्ने को दें ,प्याली में ..
इस रेश्म की डोर के सहारे ही सही
जवाब देंहटाएंआज के दिन हर बहन दूर होकर भी
मन से रहती है सदा हर भाई के पास
बहुत सही कहा आपने ...
बहुत ही सुंदर, भावमयी पंक्तियाँ ..
हार्दिक शुभकामनाएँ !!
सच कहा आपने , बहिन का मन हमेशा भाई के पास ही रहता है !
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
इक इक धागे में प्यार ... हमेशा
जवाब देंहटाएंप्यारी सी रचना...
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन की बधाइयाँ...
सादर।
सच कहा है .. दिल से करीब होती है हर बहन आज के दिन ...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई इस पावन रक्षा बंधन की ...
भाई बहन के स्न्हे बंधन से परिपूर्ण भावपूर्ण अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएं