सोमवार, 13 अगस्त 2012

नज़रे चुरा मत लेना कभी ....

दिखाए कोई ख्‍वाब देख लो देखने से बुरा हुआ है कभी
बस उन ख्‍वाबों को तुम आंखों में बसा मत लेना कभी ।

कोई ग़र कहे तुम्‍हें बुरा तो कह लेने दो उसे शौक़ से,
बस उन बुरी बातों को दिल से लगा मत लेना कभी ।

कोई तुम्‍हारे रास्‍ते में बनकर आ जाये अड़चन कभी,
चलते रहना घबराकर रास्‍ता बदल मत लेना कभी ।

दुश्‍मन को दोस्‍त न बना सको तो कोई बात नहीं पर,
दोस्‍त को दुश्‍मन तुम भूले से बना मत लेना कभी  ।

अच्‍छाईयों में 'सदा' रब़ बसता है ऐसा सुना है बुजुर्गों से,
इन्‍हें अपना न सको गर तो नज़रे चुरा मत लेना कभी ।

31 टिप्‍पणियां:

  1. कोई तुम्‍हारे रास्‍ते में बनकर आ जाये अड़चन कभी,
    चलते रहना घबराकर रास्‍ता बदल मत लेना कभी ।

    बहुत बढ़िया ......

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  2. दुश्‍मन को दोस्‍त न बना सको तो कोई बात नहीं पर,
    दोस्‍त को दुश्‍मन तुम भूले से बना मत लेना कभी ।

    बहुत खूब !

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  3. अच्‍छाईयों में 'सदा' रब़ बसता है ऐसा सुना है बुजुर्गों से,
    इन्‍हें अपना न सको गर तो नज़रे चुरा मत लेना कभी ।। वाह: इन सुन्दर पंक्तियों में छुपे बहुत सुन्दर भाव..आभार..

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  4. बहुत सुन्दर भाव....
    अच्छी गज़ल.
    सस्नेह
    अनु

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  5. अच्‍छाईयों में 'सदा' रब़ बसता है ऐसा सुना है बुजुर्गों से,
    इन्‍हें अपना न सको गर तो नज़रे चुरा मत लेना कभी ।

    बहुत सुंदर बात कही है. खूबसूरत के साथ अर्थपूर्ण ग़ज़ल के लिए आभार.

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  6. कोई ग़र कहे तुम्‍हें बुरा तो कह लेने दो उसे शौक़ से,
    बस उन बुरी बातों को दिल से लगा मत लेना कभी ...

    सच कहा है ... क्या पता इसी मिज कोई भलाई हो ... सार्थक शेर है ...

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  7. अच्छी भली सलाह पर, साधुवाद आभार |
    गाँठ बाँध कर राखिये, शुभ आचार-विचार ||

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  8. बहुत ही खुबसूरत ख्यालो से रची रचना......

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  9. दुश्‍मन को दोस्‍त न बना सको तो कोई बात नहीं पर,
    दोस्‍त को दुश्‍मन तुम भूले से बना मत लेना कभी ।

    अच्‍छाईयों में 'सदा' रब़ बसता है ऐसा सुना है बुजुर्गों से,
    इन्‍हें अपना न सको गर तो नज़रे चुरा मत लेना कभी ।

    निःशब्द करती भावों की लरियां जहाँ संवेदना अपने परम और चरम पर अपनी पराकाष्ठा को छूती है ...

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  10. बहुत ही प्रभावी ढंग से व्यक्त ये भाव..

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  11. बहुत सुन्दर ............

    कोई ग़र कहे तुम्‍हें बुरा तो कह लेने दो उसे शौक़ से,
    बस उन बुरी बातों को दिल से लगा मत लेना कभी ।

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  12. अच्‍छाईयों में 'सदा' रब़ बसता है ऐसा सुना है बुजुर्गों से,
    इन्‍हें अपना न सको गर तो नज़रे चुरा मत लेना कभी ।

    बहुत प्रभावी प्रस्तुति,,,,,सदा जी बधाई,,,,,
    स्वतंत्रता दिवस बहुत२ बधाई,एवं शुभकामनाए,,,,,
    RECENT POST ...: पांच सौ के नोट में.....

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  13. सही कहा आपने
    अच्छाईयों में रब का बास होता है
    और हमें इससे नहीं मुँह मोड़ना चाहिए !

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  14. उम्दा शेर... बहुत अच्छी ग़ज़ल...बहुत बहुत बधाई...

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  15. एक बेहद ख़ूबसूरत रचना के लिए बधाई।

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  16. बढिया रचना है इसी संदर्भ में कबीर का एक दोहा याद आगया -
    अच्छों को अच्छे मिलें ,मिले नींच को ,नींच .
    पानी से पानी मिले ,मिले कीच सो कीच .
    कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    मंगलवार, 14 अगस्त 2012
    क्या है काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा की बुनियाद ?
    http://veerubhai1947.blogspot.com/

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  17. अच्छाईओं में रब का बास होता है ,
    इनसे नजरे चुरा कर जायेंगे कहाँ !

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  18. अच्‍छाईयों में 'सदा' रब़ बसता है ऐसा सुना है बुजुर्गों से,

    बहुत सुंदर रचना है !!

    यही तो वह चाबी है कोई भी ताला खोल सकती है
    इसे संभाल के रख लेना मुश्किल में लगा लेना कभी !

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  19. अच्‍छाईयों में 'सदा' रब़ बसता है ऐसा सुना है बुजुर्गों से,
    इन्‍हें अपना न सको गर तो नज़रे चुरा मत लेना कभी ।

    खूबसूरत गज़ल

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  20. बहुत ही बढ़िया एवं शिक्षाप्रद रचना ! हर पंक्ति प्रेरक है और हर सन्देश अनुकरणीय ! बहुत-बहुत साधुवाद आपको !

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  21. अच्‍छाईयों में 'सदा' रब़ बसता है ऐसा सुना है बुजुर्गों से,
    इन्‍हें अपना न सको गर तो नज़रे चुरा मत लेना कभी ।

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  22. सुभानाल्लाह.....बहुत ही खुबसूरत है ग़ज़ल।

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  23. कोई ग़र कहे तुम्‍हें बुरा तो कह लेने दो उसे शौक़ से,
    बस उन बुरी बातों को दिल से लगा मत लेना कभी ।

    क्या बात है. बहुत खूबसूरत ग़ज़ल

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मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....