कहते हैं वक्त हर घाव भर देता है
पर मेरे घाव आज भी
उतनी ही टीस देते हैं
संवेदनाओं के मरहम
आंखे नहीं देखना चाहती
वह दृश्य
जब इन सफेदपोशो ने
चढ़ाये थे इनपर हार फूलों के
इन्हें शहीद कहकर
जाने कितने घोषणाओं से
बटोरी थी वाहवाही
कहने की बजाय ये
कुछ करके दिखाते
जिससे कम होता
आतंक का साया
जिसके भय से हम
आज भी मुक्त नहीं हुये हैं ।
बहुत उम्दा शर्दान्जली ! कभी- कभी लगता है कि इनकी कुर्बानिया सब बेकार कर दी इस देश ने !
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा शर्दान्जली .... shaheedon ko naman va shrddha suman.....
जवाब देंहटाएंसहज अभिव्यक्ति है यह
जवाब देंहटाएंशहीदों को नमन एवं श्रद्धांजलि ( कॉपी पेस्ट यहाँ से करें यह सही स्पेलिंग है ) शर्दांजली तो शरद की अंजलि है ???
मार्मिक और खूबसूरत रचना के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण!!
जवाब देंहटाएंश्रृद्धांजलि!
SAHAJ HI NIKLE HUVE SHABD SACHEE SHRADHAANJALI HAIN ... IN NETAAON NE BAS BAATE HI KARNI HAIN ...
जवाब देंहटाएंआंखे नहीं देखना चाहती
जवाब देंहटाएंवह दृश्य
जब इन सफेदपोशो ने
चढ़ाये थे इनपर हार फूलों के
इन्हें शहीद कहकर
जाने कितने घोषणाओं से
बटोरी थी वाहवाही...
सच्ची श्रृद्धांजलि......!!
ये वो घाव हैं
जवाब देंहटाएंजो हमेशा टीस देते रहेंगे
काश कि इनकी पुनरावृत्ति न हो।
भावनाओं से भरी एक सुंदर प्रस्तुति..धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर और भावपूर्ण कविता लिखा है आपने! शहीदों को मेरा शत शत नमन और श्रधांजलि!
जवाब देंहटाएंआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 05-04-2012 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं.... आज की नयी पुरानी हलचल में ......सुनो मत छेड़ो सुख तान .
बेहतरीन कविता
जवाब देंहटाएंसादर
कुछ नहीं बदलेगा ...लोग इसी तरह शहीद होते रहेंगे ...और उनकी शहादत को लोग इसी तरह भुनाते रहेंगे .....प्रभावपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंbhaavpurn....
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