कल वो बच्चा था बहल गया था बातों से
आज उसकी सोच को बहलाया न जाएगा ।
कलियां खिलने से पहले मुर्झा गई हैं अब,
यूं इनको किसी देवता पे चढ़ाया न जाएगा ।
मेरे जज्बातों की कदर थी उसको तभी तो,
कहा उसने मुंह मोड़ के यूं जाया न जाएगा ।
दफ्न जाने थे कितने राज उसके सीने में,
हर राज यूं सरेआम बतलाया न जाएगा ।
नफरतो के साये में बीता है हर दिन मेरा,
जवाब देंहटाएंनगमा वफा का मुझसे गाया न जाएगा .....
bahut hi sunder panktiyan....
behtareen shabdon ke saath bahut hi sunder rachna....
बहुत ख़ूबसूरत भाव सदा जी ,
जवाब देंहटाएंखैर, कलियों को चिंतित होने की जरुरत भी नहीं क्योंकि देवता बचे ही नहीं है, जिधर देख बस असुर ही असुर है !
नफरतो के साये में बीता है हर दिन मेरा,
जवाब देंहटाएंनगमा वफा का मुझसे गाया न जाएगा .....
lajawaab panktiyan .... vafa kr nagme pyaar ke chalte hi gaaye ja sakte hain ....
कल वो बच्चा था बहल गया था बातों से
जवाब देंहटाएंआज उसकी सोच को बहलाया न जाएगा ।
नफरतो के साये में बीता है हर दिन मेरा,
नगमा वफा का मुझसे गाया न जाएगा
वाह । बहुत खूब कहा है ।
मेरे जज्बातों की कदर थी उसको तभी तो,
जवाब देंहटाएंकहा उसने मुंह मोड़ के यूं जाया न जाएगा ।
चलिये जज्बातो की कद्र तो है
बहुत सुन्दर कलाम
काबिलेतारीफ बेहतरीन
जवाब देंहटाएंकलियां खिलने से पहले मुर्झा गई हैं अब,
जवाब देंहटाएंयूं इनको किसी देवता पे चढ़ाया न जाएगा ।
नफरतो के साये में बीता है हर दिन मेरा,
नगमा वफा का मुझसे गाया न जाएगा
वाह बहुत सुन्दर रचना है बधाई
सदा जी,
जवाब देंहटाएंअशआरों में बड़ी खूबसूरती से बात कही है।
अच्ची गज़ल कही है।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
बहुत उम्दा।
जवाब देंहटाएंमेरे जज्बातों की कदर थी उसको तभी तो,
जवाब देंहटाएंकहा उसने मुंह मोड़ के यूं जाया न जाएगा ।
बहुत सुन्दर गज़ल है.बधाई.
मेरे जज्बातों की कदर थी उसको तभी तो,
जवाब देंहटाएंकहा उसने मुंह मोड़ के यूं जाया न जाएगा ।
बहुत खूब।
अच्छा लिख रही हैं आप...
जवाब देंहटाएंkuch kahana bhe muskil hai?
जवाब देंहटाएं