शीतल, धवल, ये निश्छल मन, करने चले नमन,
लहराने तिरंगा ले के ख्वाहिश सब ओर हो अमन ।
चाहत और वफादारी का पैगाम, देता सरहद पे,
बैठा सिपाही निभाने को वादा, देश में हो अमन ।
न ये तेरा है न मेरा है भारत हर हिन्दुस्तानी का,
रंग-रंग के खिलते फूल जहां ये है वो चमन ।
जीत के संग सम्मान दिलाये कहलाये ये मेरा वतन ।
बना देश को गौरवाशाली लहरा कर शान दिखाये ये,
जवाब देंहटाएंजीत के संग सम्मान दिलाये कहलाये ये मेरा वतन
तिरंगे की तो शान ही निराली है............ आपने उसमें और चार चाँद लगा दिए हैं
जय हिंद .....!!
जवाब देंहटाएंतिरंगे की अपनी ही निराली शान है, जो शायद कभी धूमिल नहीं पड़ सकती, वर्ना लोगों ने धूमिल करने में कसर ही क्या छोड़ राखी है.
जवाब देंहटाएंशानदार, राष्ट्र-भक्ति से ओत-प्रोत आपकी यह कविता विशेष पसंद आई.
बधाई.