आड़ी तिरछी
टूटी फूटी रेखाओं में
हथेली की जब
भाग्य रेखा
कहीं बीच में ही
कटी होती है
यह घोषित करती है
उसका दुर्भाग्य
तब वह बदलना चाहता है
उन लकीरों का अर्थ
अपने कर्म से
कहीं
जीवन रेखा
नजर आती जब
दो टुकड़ों में विभाजित
तब वह जीना चाहता
हर पल को
आत्मविश्वास से
इसी तरह एक
दिन बदल लेता वह
अपनी पूरी तकदीर
चन्द लकीरों से
वह लड़कर
विजयी होता विश्वास
के साथ