मेरी खामोशी का मतलब ये लगाया उसने,
डर गया हूँ मैं कत्लेआम इसतरह देख के !
बेखबर था वो खुदा की खुदाई से वरना,
मुस्कराता ना वो लोगों को रोते देख के !
गुजर जायेगा बुरा वक्त पोछ्ते हूये अश्क,
हमनशी ने कहा मुझे यूँ गमज़दा देख के !
नापाक उन इरादो को वतन के रखवालो ने,
किया खत्म अपनो को यूँ बंदिश में देख के !
में शुक्रगुजार हूँ जिन्होंने की कुर्बान जिंदगी,
कई बेगानो को "सीमा" मौत के मुँह में देख के !
बुधवार, 1 अप्रैल 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
लेबल
- 13 फरवरी / जन्मदिन (1)
- काव्य संग्रह 'अर्पिता' (1)
- गजल (1)
- ग़ज़ल (21)
- नया ब्लाग सद़विचार (1)
- बसन्त ... (1)
- यादें (1)
- kavita (30)
ब्लॉग आर्काइव
-
▼
2009
(93)
-
▼
अप्रैल
(16)
- बुलंद हैं इरादे . . .
- बंद करके मैंने जुगनुओं को . . .
- देते रहे दस्तक वारिसशाह . . .
- दुआ बददुआ बन जाती है . . .
- चुरा लिये जिन्दगी ने . . .
- एक वृक्ष नया . . .
- ऊंचे दरख्तों के साये में . . . .
- कोई मरहम नही रखता यहां . . . .
- हौसले हों गर बुलन्द . . .
- बंदिशें लगा के देखा है मैने . . .
- चांदनी से मुलाकात का . . . . .
- चाहत नाम है वफ़ा का
- sada
- वादा क्योंकर किसी का टूट जाता है . . .
- बेखबर था वो खुदा की खुदाई से . . .
- बेखौफ ही निकले दम मेरा
-
▼
अप्रैल
(16)
मेरे बारे में
- सदा
- मन को छू लें वो शब्द अच्छे लगते हैं, उन शब्दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....
You are in a boat in the middle of a river.
जवाब देंहटाएंYou have 2 Cigarettes
and have to light any one cigarette.
You don't have anything else with you in the boat?
How will you do it?