मेरी मंजिल और मेरे पास हो ।
डगमगाए जो कहीं मुश्किलों से कदम,
बुलंद हैं इरादे मन में ये अहसास हो ।
हर काम पहले आसां नहीं हुआ करता,
जीत होती है उसकी जिसे उसकी आस हो ।
सूरज सा जिसमे तेज, चाँद सी शीतलता हो,
साहस की डोर हाँथ में मन मैं विश्वास हो ।
कहते हैं "सदा" कुछ ख़ास करना है,
फिर क्यों डरूं जब विश्वास मेरे पास हो ।