आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (04-04-2021) को "गलतफहमी" (चर्चा अंक-4026) पर भी होगी। -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ- -- सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' --
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 04 अप्रैल 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (04-04-2021) को "गलतफहमी" (चर्चा अंक-4026) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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सदा ,
जवाब देंहटाएंअनहोनी ऐसे ही आती है .... बुरा वक्त ऐसी घटनाएं घटित कर देता है ... और वक़्त का मरहम ही उन चोटों को ठीक भी करता है ... यथार्थ अभिव्यक्ति ।
सदा दीदी दुर्घटनाग्रस्त हो गई हैं
हटाएंकाफी चोंट लगी है..
सादर..
अनहोनी....एक ऐसे शब्द को उकेरा है आपने, जो आए दिन हर किसी को कभी न कभी प्रभावित करती है।
जवाब देंहटाएंसुन्दर लेखन।।।। बबहुत-बहुत शुभकामनाएँ आदरणीया सदा जी।
अनहोनी जीवन को जितना प्रभावित करती,समय उतनी जल्दी उन जख्मों को भूलने में सहायता करता है। सार्थक सृजन।
जवाब देंहटाएंशीघ्र स्वस्थ हों
जवाब देंहटाएंयही कामना करती हूं
आराम करिएगा..
सादर नमन..