शनिवार, 1 जून 2019

तेरी यादों का वजन !!

(1)
मन कितनी भी
कसरत क्यूँ न कर ले
पर तेरी यादों का वज़न
कम होने का नाम ही नहीं लेता !
(2)
तेरी यादों से परहेज़ तो नहीं है
पर सुना है
हद से ज़्यादा किसी चीज़ का
इस्तेमाल सेहत के लिये
अच्छा नहीं होता ☺️
....


11 टिप्‍पणियां:

  1. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (02 -06-2019) को "वाकयात कुछ ऐसे " (चर्चा अंक- 3354) पर भी होगी।

    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ....
    अनीता सैनी

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर सीमा जी अलहदा से प्रतीक।
    अप्रतिम।

    जवाब देंहटाएं
  3. कसरत से यादों का वजन कम नही होता ..वाह एकदम नयी उपमा ..

    जवाब देंहटाएं
  4. रचना का शीर्षक पूरी रचना पर छाया हुआ है

    जवाब देंहटाएं

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मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....