गुरुवार, 29 दिसंबर 2011

एक संवाद निरन्‍तर ....














तुम्‍हें सुकून मिलता होगा न
मौन से
खुद से खुद की कितनी ही बातें
कर लेना तुम्‍हारा
कभी मेरे शब्‍दों का मौन
ढूंढना तुम
वे तुम्‍हें पुकारते हुए मिलेंगे
तुम्‍हारे मेरे बीच यह मौन
यूं जैसे  ...
गंगा जमुना की धाराओं के नीचे
सरस बहाव लिए सरस्‍वती
सच कहूं तो
मौन रहना तुम्‍हारा और मेरा
होता ही नहीं सार्थक
एक संवाद निरन्‍तर चलता रहता है ..

............................

आश्‍चर्य कैसा ...
इस मौन के संवाद करने पर
क्षणांश गंभीरता का
आवरण डाल निकलती तुम
मेरी पुकार को अनसुना करने के लिए
जब मन तुम्‍हारा साथ नहीं देता तो
तुम कानों को बंद करती हथेलियों से
फिर भी तुम्‍हारा मौन
एक प्रश्‍नचिन्‍ह छोड़ जाता
तुम विचलित हो
खुद से बातें करने को
विवश हो जाती ...

31 टिप्‍पणियां:

  1. ख़ामोशी बहुत कुछ ऐसा कह जाती है जिन्हें शब्द नहीं कह पाते| सुदर रचना...मेरे ब्लॉग पर आने के लिए आभार...

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  2. सही है ....किसी विशेष परिस्थितियों में ख़ामोशी बहुत कुछ कह जाती है

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  3. वाह वाह वाह...
    बहुत बहुत सुन्दर सदा जी....
    सादर.

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  4. वाह वाह बहुत बेहतरीन लिखा है आपने सदा जी

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  5. यह मौन सरस्वती की धारा जैसा ...सरस्वती भी कहाँ दिखती है ..सटीक उपमा ... गहन प्रस्तुति

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  6. मौन हूँ मैं भी इस सुब्दर पोस्ट पर और शब्द नहीं है |

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  7. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति |
    आप को नव वर्ष की शुभकामनाएँ|

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  8. मौन रहना तुम्‍हारा और मेरा
    होता ही नहीं सार्थक
    एक संवाद निरन्‍तर चलता रहता है..waah bahut sundar..sahejane laayak panktiyan
    NAV VARSH KI AGRIM SHUBHKAMNAAYEN..

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  9. मौन....सबकुछ समेटे अपने आप में...मौन...

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  10. umdaa rachnaa
    संवाद हीनता से हर रिश्ता टूटता

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  11. मौन बहुत मुखर होता हैं ,सुंदर रचना ......

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  12. सदा जी सबसे पहले तो देर से आने के लिए माफी x -mas के चक्करों में थोड़ी व्यस्त हो गई थी इसलिए ज़रा देर हो गई आपकी पोस्ट पर आने में मगर अब आई हूँ तो सारी पढ़कर ही जाऊँगी :)

    कभी-कभी खामोशी ही बहुत कुछ ब्यान करदेती है जो न कभी होंट कह पते हैं और न ही कभी आँखें बोल पाती है बहुत ही सुंदर भाव से सुसजित कविता...

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  13. फिर भी तुम्‍हारा मौन
    एक प्रश्‍नचिन्‍ह छोड़ जाता

    गहन चिंतन.... सुन्दर रचना...
    सादर बधाई

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  14. क्या लिखूं निशब्द हो गई हूँ ...
    सच कहूं तो
    मौन रहना तुम्‍हारा और मेरा
    होता ही नहीं सार्थक
    एक संवाद निरन्‍तर चलता रहता है ..

    वाह

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  15. एक संवाद निरन्‍तर चलता रहता है ..
    संवादयुक्त बस मौन .....

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  16. मौन रहते हुए भी बातें होती हैं......
    सुंदर अभिव्‍यक्ति।

    नववर्ष की शुभकामनाएं.......

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  17. मौन रहना तुम्‍हारा और मेरा
    होता ही नहीं सार्थक
    एक संवाद निरन्‍तर चलता रहता है ..

    Bahut khub...

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  18. बेहतरीन........आपको नववर्ष की शुभकामनायें

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  19. कल 31-12-2011को आपकी कोई पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    bahut sunder rachna ...

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  20. बहुत सुंदर प्रस्तुती,सटीक उपमा, बेहतरीन रचना,.....
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाए..

    नई पोस्ट --"काव्यान्जलि"--"नये साल की खुशी मनाएं"--click करे...

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  21. ....प्रशंसनीय रचना - बधाई

    .......नववर्ष आप के लिए मंगलमय हो

    शुभकामनओं के साथ
    संजय भास्कर

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  22. बेहतरीन।

    नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ।


    सादर

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  23. बहुत सुन्दर और बेहतरीन प्रस्तुति है आपकी.

    आपसे ब्लॉग जगत में परिचय होना मेरे लिए परम सौभाग्य
    की बात है.बहुत कुछ सीखा और जाना है आपसे.इस माने में वर्ष
    २०११ मेरे लिए बहुत शुभ और अच्छा रहा.

    मैं दुआ और कामना करता हूँ की आनेवाला नववर्ष आपके हमारे जीवन
    में नित खुशहाली और मंगलकारी सन्देश लेकर आये.

    नववर्ष की आपको बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.

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  24. ये मौन निशब्द होकर भी मुखरित होता है
    बहुत सुन्दर रचना नव वर्ष की शुभ कामनाये

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  25. कभी मेरे शब्‍दों का मौन
    ढूंढना तुम
    वे तुम्‍हें पुकारते हुए मिलेंगे
    तुम्‍हारे मेरे बीच यह मौन
    यूं जैसे ...
    गंगा जमुना की धाराओं के नीचे
    सरस बहाव लिए सरस्‍वती ....
    ......
    ये अलग बात है कि इस सरस्वती को तुम हमेशा ही अपने प्रयासों से अदृश्य रखो
    ...बहुत गहरी कविता सदा जी !

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