मैने समेटे हैं कई एहसास
इन दिनों
जब तुम्हें वक्त मिले तो बताना
उन्हें तुम्हारी नज़र कर दूंगी ...
उन पलों में सिर्फ तुम हो
मिलना हो जब खुद से
तो खबर करना
उन्हें भेज दूगी तुम तक
बिना कुछ कहे ...
मुझे कुछ कहना तो नहीं आता,
बस लिख लेती हूं यूं हीं कुछ
जब वक्त मिले तो बताना
उन्हें मेल कर दूंगी :)
पल भर भी
ये ख्याल मत लाना
जवाब देना होगा क्या ?
ना ..घबराना मत
आदत हो गई है अब
सूना इनबॉक्स देखने की ...( )
dil ke gahan bhaavon ka samavesh....bahut khoob
जवाब देंहटाएंजब वक्त मिले तो बताना
जवाब देंहटाएंउन्हें मेल कर दूंगी :)
.......वाह,बहुत सुंदर....पोस्ट पसंद आई|
सूने कक्षों को प्रतीक्षा से भर लेने की आदत डाल ली है।
जवाब देंहटाएंसदा जी..
जवाब देंहटाएंकमाल की प्रस्तुती,..सूना इन् बॉक्स देखने की......सुंदर
मेरे पोस्ट 'आज चली कुछ ऐसी बातें"में स्वागत है
"suna inbox" ati uttam rachana...
जवाब देंहटाएंपल भर भी
जवाब देंहटाएंये ख्याल मत लाना
जवाब देना होगा क्या ?
ना ..घबराना मत
आदत हो गई है अब
सूना इनबॉक्स देखने की ...( )
क्या बात है.....बहुत ही खास एहसासों को समेटे हैं यह पंक्तियाँ।
सादर
सूना इनबॉक्स......शीर्षक ही पर्याप्त है |
जवाब देंहटाएंVery touching creation Sada ji...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंसूने इन्बोक्स का मतलब ये ना समझना कोई तुम्हें याद नहीं करता
जवाब देंहटाएंबस लिखने में आलस कर जाता
वाह ……क्या भाव संजोये हैं। शानदार्।
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत खुबसूरत एहसास पिरोये है अपने......
जवाब देंहटाएंAah!
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंबधाई स्वीकारें ||
bahut hi gambheer gahre ehsaas
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंकुछ सच स्वीकार कर लिए हैं !
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना !
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंuff antim panktiya.....kitna dard bayaan kar gayi.
जवाब देंहटाएंआदत हो गई है अब
जवाब देंहटाएंसूना इनबॉक्स देखने की.bahut khub.
आदत हो गई है अब
जवाब देंहटाएंसूना इनबॉक्स देखने की ...
वाह सदाजी ! सदा देती टीस लिये दिल को छूती, दिल में समाती एक सुंदर रचना !
छोटे भाव की बड़ी कविता।
जवाब देंहटाएंkhubsurat ehsaas.....
जवाब देंहटाएंआपकी किसी पोस्ट की चर्चा है नयी पुरानी हलचल पर कल शनिवार 10-12-11. को । कृपया अवश्य पधारें और अपने अमूल्य विचार ज़रूर दें ..!!आभार.
जवाब देंहटाएंशायद ये सही भी है आदत डाल ही ली जाये ....अलग तरह से प्रस्तुत गहरे भाव
जवाब देंहटाएंजरूर सूनापन भरेगा....
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......
जवाब देंहटाएंहाय खुदा..सूना इन बॉक्स दुश्मन को भी न देना...प्लीज़!!
जवाब देंहटाएंमेरे नये पोस्ट में,.आज चली कुछ ऐसी बातें, बातों पर हो जाएँ बातें
जवाब देंहटाएंममता मयी हैं माँ की बातें, शिक्षा देती गुरु की बातें
अच्छी और बुरी कुछ बातें, है गंभीर बहुत सी बातें
कभी कभी भरमाती बातें, है इतिहास बनाती बातें
युगों युगों तक चलती बातें, कुछ होतीं हैं ऎसी बातें
आपका स्वागत है ..........
सुंदर एहसास और संवाद स्थापित करने का सार्थक प्रयास. सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबधाई.
दिल को छूती खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव पिरोए है.सार्थक प्रयास. सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएं.
शिकायत बहुत जायज़ है .
जवाब देंहटाएंएकाकीपन को शिकायतों से भरने का खूबसूरत और अद्भुत अंदाज़. बहुत सुंदर.
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