हर शब्द व्यथित है क्यूं
इसे पीड़ा का भान है
पढ़ता है मन ही मन अन्तर्मन को
मेरे बिखरने को देता है शब्द
मेरे मौन को कहता है
सुनता है ध्यान से
दर्द ने कब कहा आह !
खुशी ने पकड़ी मेरी बांह
मुस्कराया था कब मैं
अपने ही पागलपन पर ....
कितना व्याकुल था
तेरे आने पर
कितना टूटा था तेरे जाने पर
सन्नाटा गहरा था
मन पे तनहाईयों का पहरा था
पर मेरा साथ नहीं छोड़ा शब्दों ने
नाता जलधि सा गहरा था ....
मैं लांघ जाना चाहता था
हर दर्द को हंसी की आवाज से
आत्मा को इस नश्वर तन से
मुक्त कर देना चाहता था
टूटकर हर बार ये सोचता
शायद ये अंतिम हो
मेरी परीक्षा की घड़ी
मैं फिर से सजग हो चल पड़ता
नई राह पे ...
जहां होती थी कोई
अंजान चुनौती खड़ी ... !!
व्यथित शब्दों के तीर
कंटीली राहें मेरे लिए थी तैयार
मैंने तैयार किया था
एक मुस्कान को
इन्हें परास्त करने के लिए
मेरे पास यही अस्त्र शेष था
विजय पाने का यही
गणवेश था ... !!!
टूटकर हर बार ये सोचता
जवाब देंहटाएंशायद ये अंतिम हो
मेरी परीक्षा की घड़ी
मैं फिर से सजग हो चल पड़ता
नई राह पे ...
खूबसूरत अभिव्यक्तियों के साथ जीवन जीने की प्रेरणा भे एक सुन्दर काव्य के लिए बधाई
"शब्द" को बेहतरीन शब्द दिए आपने..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब..
सादर.
बहुत ही सटीक और सार्थक आस्त्र है।
जवाब देंहटाएंएक मुस्कान को
इन्हें परास्त करने के लिए
मेरे पास यही अस्त्र शेष था
विजय पाने का यही
गणवेश था ... !!!
आनन्दायी पंक्तियाँ!!
गहरे अहसास।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंमुस्कराया था कब मैं
जवाब देंहटाएंअपने ही पागलपन पर ....
कितना व्याकुल था
तेरे आने पर
कितना टूटा था तेरे जाने पर
बहुत खूब..........शानदार|
मैंने तैयार किया था
जवाब देंहटाएंएक मुस्कान को
इन्हें परास्त करने के लिए
मेरे पास यही अस्त्र शेष था
विजय पाने का यही
गणवेश था ... !!!
Wah! Kya kamal kaa likha hai!
bahut sundar bhavaabhivyakti.. Bhavnaon me Shabon ko bahut sundar tareeke se priyon aur ban gaya aik sundar shabdon ka sansaar is kavita ke roop me.. umda
जवाब देंहटाएंbehtreen bhaavo ki shabdo ke sath anvarat rachna.....
जवाब देंहटाएंbahut hi gahri baten ..........
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!!!
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया प्रस्तुति सुंदर अभिव्यक्ति......
जवाब देंहटाएंमेरे पोस्ट पर आइये,....
WELCOME to--जिन्दगीं--
बहुत सुन्दर.................
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा है आपने ...बेहतरीन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंमुस्कान सबसे बड़ा हथियार है।
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक लिखा है आपने!
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
बहुत प्यारा लिखा है आपने ........
जवाब देंहटाएंहर दम मुस्कान साथ हो तो कठिन से कठिन परिस्थिति का सामना किया जा सकता है .. सार्थक अस्त्र चुना है ...
जवाब देंहटाएंbahut hi aanand dayak ...thanq mem bahut hi sundar sachana prastuti ke liye
जवाब देंहटाएंगहरे भावों से सजी बेहद सुंदर एवं प्रभावशाली रचना ...
जवाब देंहटाएंगहरे भावो से भरी धारदार रचना।
जवाब देंहटाएंशायद उनका आखिरी हो यह सितम
जवाब देंहटाएंहर सितम ये सोच कर हम सह गये।
ummidon se poorit post hae,aabhr.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पोस्ट, सुन्दर संप्रेषण
जवाब देंहटाएंदर्द ने कब कहा आह !
जवाब देंहटाएंखुशी ने पकड़ी मेरी बांह
मुस्कराया था कब मैं
अपने ही पागलपन पर ....
सुन्दर भाव संयोजन.... उत्तम रचना...
सादर...
इन्हें परास्त करने के लिए
जवाब देंहटाएंमेरे पास यही अस्त्र शेष था
विजय पाने का यही
गणवेश था ... !!!sochne ko vivash karti rachna
शायद सबसे बड़ा अस्त्र यही है ... मुस्कान
जवाब देंहटाएंमुस्कान सबसे बड़ा हथियार है। एकदम सही कहा
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर... कुछ अलग सी रचना...
गहरी सोच ....अद्भुत रचना !
जवाब देंहटाएंइन्हें परास्त करने के लिए
जवाब देंहटाएंमेरे पास यही अस्त्र शेष था
विजय पाने का यही गणवेश था...
बहुत ही सुन्दर,नववर्ष की मंगल कामनाएं
सीधे दिल तक पहुँचती है इस रचना की बात।
जवाब देंहटाएंमैंने तैयार किया था
जवाब देंहटाएंएक मुस्कान को
इन्हें परास्त करने के लिए ...
सच है की मुस्कान अस्त्र का काम करती है दुखों को भुलाने में ... हर हाल में मुस्कुराना चाहिए ...
bs yu samajhiye hriday ke toron ko jhankrit kr gyee apki yh sangraneey rachana ......badhai Sada ji
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