मां ...आप
हर बात मन में कैसे
जज्ब सी कर लेती हैं
देखिए ना मेरा स्नेह
आपको धूरी बना
बस आपकी ही
परिक्रमा करता रहता है
कुछ पूछने पर
आंखो में उसके
नजर आती है
आपकी तस्वीर
ये कैसी है तलाश इसकी
जो कभी खत्म
नहीं होती ....।
मां ..आप
हर बात को इतनी सहजता से
कैसे ले लेती हैं
जब हम नाराज होते हैं तो
आप झांककर हमारी आंखों में
मुस्करा के कहती हैं
तुम्हारा चेहरा
बिल्कुल अच्छा नहीं लगता ऐसे
बताओ तो मुझे क्या हुआ
और हम शुरू हो जाते हैं
टेप रिकार्ड का प्ले बटन दबा दिया हो
किसी ने जैसे
शिकायतें और शिकायतें
और उस वक्त
हम ध्यान देते तो देखते
आपका हांथ हमारे सिर पर होता
बस इतनी सी बात
हां मां बात इतनी सी है
इसका अहसास हुआ हमें
आपकी मुस्कराहट में
उस धवल हंसी से
जाना कितना सुकून है
आपके साये में
तो कहिए
कैसे न करूं मैं परिक्रमा आपकी .....!!!
gol gol ghumte ghumte thak jaogi , parikrama ek baar ki safal
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर पंक्तिया... माँ शब्द को सार्थक करती हुई ,,,,
जवाब देंहटाएंभावमय कविता !
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें ।
http://poetry-kavita.blogspot.com/2011/11/blog-post_06.html
बहुत सुन्दर भाव............सच है माँ के कदमो में ही जन्नत है |
जवाब देंहटाएंमाँ तो माँ ही होती है .... गज़ब के भाव हैं इस रचना में ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर वाह!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब, माँ के बड़ी कोई नेमत नहीं
जवाब देंहटाएंआभार
यह मैंने कहीं पढ़ी है। मगर खैर कोई बात नहीं, जिसने भी लिखा है एक एक शब्द सही है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ......
जवाब देंहटाएंपल्लवी जी,
जवाब देंहटाएंआपने बिल्कुल सही कहा ... इस रचना को आप पहले वटवृक्ष पर पढ़ चुकी हैं ... ।
बेहतरीन।
जवाब देंहटाएंसादर
माँ तो आखिर माँ है ना.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर.
http://urvija.parikalpnaa.com/2011/10/blog-post_03.html
जवाब देंहटाएंyahan yah rachna inki aa chuki hai pahle
बहुत ही बेहतरीन
जवाब देंहटाएं“माँ सम बोलें कौन है, माँ रहकर के मौन
जवाब देंहटाएंअन्तर की भाषा पढ़े, माँ से बढ़कर कौन?”
बहुत ही प्यारी रचना...
सादर बधाई...
सदा जी,..माँ और बेटी के जज्बातों की सुंदर प्रस्तुति..लाजबाब पोस्ट
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट में स्वागत है....
सच में बहुत प्रभावी।
जवाब देंहटाएंआपकी तस्वीर
जवाब देंहटाएंये कैसी है तलाश इसकी
जो कभी खत्म
नहीं होती ....।
sundar...
मां को समर्पित सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंआभार.....
बहुत प्यारे भाव लिए हुए ... माँ की परिक्रमा कर ली तो सारी दुनिया की कर ली ..
जवाब देंहटाएंbhawbhini.....
जवाब देंहटाएंsunder rachna ...sada ji ...
जवाब देंहटाएंमेरे नये पोस्ट -वजूद- में स्वागत है
जवाब देंहटाएंसही है ....माँ के कदमों में ही सब कुछ है
जवाब देंहटाएंमाँ को समर्पित सुन्दर रचना