सोमवार, 2 नवंबर 2020

कड़वी जिंदगी का टॉनिक !!!

 ...1

ये सुधियाँ भी

हुई बावरी देखो

चंचल मन।

…2

मीठी-सी यादें
कड़वी जिंदगी का
टॉनिक जैसे।
...3
सूनी मुँडेर
यादों का कागा बोले,
मन चहके।
...4
मन की नदी,
यादों के सागर से
मिली खो गई।
...5
यादों की डोर
बाँधे मन– पतंग
उड़ती जाए।
...6
यादों के मोती
चुगता जाए मन
फिर भी भूखा।

...



13 टिप्‍पणियां:

  1. सादर नमस्कार ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार 3-11-2020 ) को "बचा लो पर्यावरण" (चर्चा अंक- 3874 ) पर भी होगी,आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    ---
    कामिनी सिन्हा

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  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर मंगलवार 3 नवंबर 2020 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  3. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 03 नवंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  4. सुबह और शाम
    काम ही काम
    क्यों नही लेते पिया
    प्यार का नाम
    ....
    आज सदाबहार
    सदा
    तीन जगह एक साथ
    सादर नमन

    जवाब देंहटाएं
  5. मुग्ध करती कविता - - अविरल प्रवाह में बहती हुई भावना - - नमन सह।

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  6. हृदयस्पर्शी । बहुत सुंदर ।

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मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....