मंगलवार, 28 जनवरी 2020

कर दो हरा भरा !!!

ऋतु बसंत
करें अभिनन्दन
माँ शारदा का !
..
माँ वीणापाणि
देती आशीष सदा
ज्ञानार्जन का !

झूमते बौर
कूके कोयल डाली
आया बसंत !

हे ऋतुराज
कर दो हरा भरा
हर उद्यान !
..
पूजन होता
माता सरस्वती का
आया बसंत !
...
© सीमा 'सदा'




    

8 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (29-01-2020) को   "तान वीणा की माता सुना दीजिए"  (चर्चा अंक - 3595)    पर भी होगी। 
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
     --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

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  2. बसंत आगमन की खूबसूरत बयार बह चली है आपकी कविता में बहुत ही अच्छा लिखा आपने

    जवाब देंहटाएं
  3. आज बसंत पंचमी हैं और इस अवसर पर आपका ये सुंदर सृजन मन को भा गया। माँ सरस्वती के इस पावन दिवस की हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  4. बसंत पंचमी पर सुंदर रचना

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन रचना।
    बंसन्ती मौसम खुशियों भरा।

    नई पोस्ट पर आपका स्वागत है- लोकतंत्र 

    जवाब देंहटाएं
  6. Okay then...

    What I'm going to tell you may sound kind of weird, and maybe even a little "out there..."

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    जवाब देंहटाएं

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मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....