शुक्रवार, 13 सितंबर 2019

माँ की बिंदी !!

ये स्वर, ये व्यजंन हिंदी के,
सारे रंग हैं माँ की बिंदी के !!


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मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....