सुबह शाम
कैसे हो दोस्त कहे
मेरा ये मित्र !
...
संग दोस्त का
अनमोल ये पल
साथ हैं हम !
...
फूल दोस्ती का
साथ निभाते हुये
महका करे !
...
साथ चले जो
दूर रहकर भी
दोस्त है वही !
...
दोस्त जिंदगी
रिश्ता ईमान का ये
जान से प्यारा !
...
रिश्ता दोस्ती का
जिंदगी को सौग़ात
मिली रब से !!
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जवाब देंहटाएंआपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु हमला और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।
जवाब देंहटाएंAabhar aapka !
हटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 08 अगस्त 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंAabhar aapka !!
हटाएंजीत की सीढ़ियों पर की
जवाब देंहटाएंएक प्रति चाहिए
विज्ञापन ब्लॉग देखने में
बाधा उत्पन्न कर रहा है
सादर
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (08-08-2016) को "तिरंगा बना देंगे हम चाँद-तारा" (चर्चा अंक-2428) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
मित्रतादिवस और नाग पञ्चमी की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
Aabhar aapka !!
हटाएंSadar ....
वाह , वाह ।
जवाब देंहटाएंवाह , वाह ।
जवाब देंहटाएंदूर भी हों पर उनके होने के
जवाब देंहटाएंअहसास जब पास ही होते
वही दोस्त कहलाते हैं
वाह ... मस्त हैं सभी हाइकू दोस्ती पर ... बधाई ...
जवाब देंहटाएंसुंदर सौगात है यह ।
जवाब देंहटाएंआज कल हाइकू पर जोर है .... दोस्ती पर अर्थवान हाइकू
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