गुरुवार, 7 मार्च 2013

यादों के साथ इनकी बनती बड़ी है :)
















कई बार जिंदगी पर
उदासियों का हक भी बनता है
खुशियों के मेले में भी कोई
अकेला होता है जब
बस मन के साथ होता है
एक कोना उदासी का
...
उस कोने में सिमटी होती है
कुछ गठरियाँ यादों की
जिनकी गिरह पर जमी धूल
चाहती है झड़ जाना
अपनत्‍व के स्‍पर्श से
निकलना चाहती हैं बाहर
कुछ बेचैन सी यादें
.....
जिन्‍हें समेटकर यूँ ही कभी
लगा दी थीं गठान
वे सबकी सब बगावत पर
उतर आईं हैं
जिन्‍होंने दे दिया है आज धरना
मन के कोने में
बस इसी वजह से बाहर की भीड़ भी
अकेले होने पर मजबूर करती हैं तो,
ये उदासियाँ भी जिद पर अड़ी हैं
यादों के साथ इनकी बनती बड़ी है :)

38 टिप्‍पणियां:

  1. बड़ी बनती है तब तो आतीत से ठनती भी है और आगे कुछ धुंधला हो जाता है..

    जवाब देंहटाएं
  2. अपनत्‍व के स्‍पर्श से
    निकलना चाहती हैं बाहर
    कुछ बेचैन सी यादें ,,,,,,,,,,,,bahut sundar abhiwykti

    जवाब देंहटाएं
  3. सच कहा ... कई बार ये उदासियाँ बिना किसी कारण घेर लेती हैं मन को .... बहुत उम्दा ...

    जवाब देंहटाएं
  4. ऐसे ही एक उदास क्षण में आपकी कविता पढ़ रहा हूँ और कई पुरानी यादें खुल रही हैं।

    जवाब देंहटाएं
  5. आ जाती हैं जब कभी यादें
    खो जाते हैं हम
    खयालों गहराई में
    यादें, तड़पाती भी हैं
    यादें, रुलाती भी हैं
    यादें, हँसाती भी हैं।
    सादर
    यशोदा

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति ,
    कितनी बार हम भीड़ में
    भी अकेले होते है..............

    ,

    जवाब देंहटाएं

  7. बढ़िया बिम्ब है उस व्यतीत का जो पूरा अतीत न हो सका .


    जिन्‍हें समेटकर यूँ ही कभी
    लगा दी थीं गठान
    वे सबकी सब बगावत पर
    उतर आईं हैं
    जिन्‍होंने दे दिया है आज धरना
    मन के कोने में
    बस इसी वजह से बाहर की भीड़ भी
    अकेले होने पर मजबूर करती हैं तो,
    ये उदासियाँ भी जिद पर अड़ी हैं
    यादों के साथ इनकी बनती बड़ी है :)

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति.

    जवाब देंहटाएं
  9. सदा जी ने पहचान ली हमारी आज की घड़ी
    क्यों बनती है आजकल मेरी यादों से बड़ी :-))

    आभार!

    जवाब देंहटाएं
  10. यादों की गठरी बेहद प्यारी लगी :)

    जवाब देंहटाएं
  11. सच है आखिर उदासियों का भी हक है ज़िन्दगी पर... बहुत सुन्दर... शुभकामनाएं...

    जवाब देंहटाएं
  12. कई बार जिंदगी पर
    उदासियों का हक भी बनता है
    ......सही बात

    जवाब देंहटाएं
  13. यादें उदासियाँ भी साथ लातीं हैं.... बहुत सुंदर

    जवाब देंहटाएं
  14. उदासी का यादों के संग...याराना बहुत पुराना है...
    बहुत खूबसूरत रचना!
    ~सादर!!!

    जवाब देंहटाएं
  15. उदासियों से यादों का रिश्ता पुराना है , बनती ही !

    जवाब देंहटाएं
  16. जिन्‍हें समेटकर यूँ ही कभी
    लगा दी थीं गठान
    वे सबकी सब बगावत पर
    उतर आईं हैं
    जिन्‍होंने दे दिया है आज धरना
    मन के कोने में
    बस इसी वजह से बाहर की भीड़ भी
    अकेले होने पर मजबूर करती हैं तो,
    ये उदासियाँ भी जिद पर अड़ी हैं
    यादों के साथ इनकी बनती बड़ी है :)

    लाजवाब गजब की बात कही

    जवाब देंहटाएं
  17. एक शांत नीरव कोना भेद दिया आपकी रचना ने ...वाकई
    ये उदासियाँ भी जिद पर अड़ी हैं
    यादों के साथ इनकी बनती बड़ी है :)

    जवाब देंहटाएं
  18. कई बार जिंदगी पर
    उदासियों का हक भी बनता है
    खुशियों के मेले में भी कोई
    अकेला होता है जब
    बस मन के साथ होता है
    एक कोना उदासी का

    ...बहुत खूब! बहुत गहन और सटीक अभिव्यक्ति..

    जवाब देंहटाएं
  19. यादों के साथ तो शायद अबकी ही बनती है .. कई लोग मिलते बिछड़ते हैं, जो रहतो हैं सदा के लिए .. वो यादें ही तो हैं ..
    सुन्दर रचना दीदी।
    सादर
    मधुरेश

    जवाब देंहटाएं
  20. बस इसी वजह से बाहर की भीड़ भी
    अकेले होने पर मजबूर करती हैं तो,
    ये उदासियाँ भी जिद पर अड़ी हैं
    यादों के साथ इनकी बनती बड़ी है :)

    बहुत सुन्दर रचना सदा जी

    जवाब देंहटाएं
  21. कई बार जिंदगी पर
    उदासियों का हक भी बनता है
    --------------------
    यादों के साथ जिन्दगी का रिश्ता खूब निभता है ... न चाहते हुए भी....

    जवाब देंहटाएं
  22. कई कोने उदास हो जाते हैं
    यादों इतना सताती क्यूँ हो
    ....आपकी रचना से प्रेरित

    जवाब देंहटाएं
  23. Bahut khub...lajawab...
    Aaj me jine ke lie humare paas ek kal hona chahiye bhale hum usse yaad karke palkon ko bhigoye ya fir muskuraaye....
    Sadar

    जवाब देंहटाएं
  24. क्या उदासियों का भी हक है ज़िन्दगी पर?

    सार्थक प्रस्त्तुति.
    महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  25. कई बार जिंदगी पर
    उदासियों का हक भी बनता है

    जीवन है तो उदासी भी है ....
    सुंदर भाव ...

    जवाब देंहटाएं
  26. चाहती है झड़ जाना
    अपनत्‍व के स्‍पर्श से
    निकलना चाहती हैं बाहर
    कुछ बेचैन सी यादें
    ...............बहुत खूबसूरत रचना सदा दी
    तस्वीर ने चार चाँद लगा दिए !!

    जवाब देंहटाएं
  27. उदासी अपना हक़ लेना खूब जानती हैं :):)

    जवाब देंहटाएं

ब्लॉग आर्काइव

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....