गुरुवार, 16 मई 2013

हर मुश्किल के पार उतरते देखा है !!!!

मेहनतकश चींटी को कण-कण से जीवन यापन करते देखा है,
बाधायें कैसी भी आ जाये जीवन में उनसे पार उतरते देखा है !

हर मुश्किल में निर्णय लेती हैं मिल-जुलकर सम्‍बंधों का ऐसा,
अटल विश्‍वास संजोये ये जीव अनूठा हर पल चलते  देखा है !

समर्पण की सीढ़ी चढ़कर श्रम का दान ये करती हैं तेरा-मेरा छोड़,
जीवन की सारी बाधाओं से इनको निश दिन पार उतरते देखा है !

चक्‍कर पर चक्‍कर लगाती चलने को आती तो ये मीलों चल जाती,
तुमने इनको कभी मुश्किलों से बतलाओ क्‍या घबराते भी देखा है !

सीख सुहानी जीवन की ये देती हैं 'सदा' ही श्रेष्‍ठ सपर्मण से जानो,
तन नहीं बल्कि मन से इनको हर मुश्किल के पार उतरते देखा है !

23 टिप्‍पणियां:

  1. चक्‍कर पर चक्‍कर लगाती चलने को आती तो ये मीलों चल जाती,
    तुमने इनको कभी मुश्किलों से बतलाओ क्‍या घबराते भी देखा है ..

    ये कीट, पतंगे और जीव अपने जीवन के माध्यम से कितना कुछ कह जाते हैं ... इंसान को बहुत कुछ है इनसे सीख लेने के लिए ... अच्छी रचना ...

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  2. मेहनतकश चींटी के माध्यम से बहुत ही प्रेरक रचना रच डाली सदा जी..बहुत अच्छा लगा..

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  3. मेहनतकश चींटी को कण-कण से जीवन यापन करते देखा है,
    बाधायें कैसी भी आ जाये जीवन में उनसे पार उतरते देखा है !

    Very nice Sada ji ... bahut hi sundar evam prerak ... kaash cheenti se hi ham kuch seekh lete ...

    Manju Mishra
    www.manukavya.wordpress.com

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  4. चक्‍कर पर चक्‍कर लगाती चलने को आती तो ये मीलों चल जाती,
    तुमने इनको कभी मुश्किलों से बतलाओ क्‍या घबराते भी देखा है !

    सीख सुहानी जीवन की ये देती हैं 'सदा' ही श्रेष्‍ठ सपर्मण से जानो,
    तन नहीं बल्कि मन से इनको हर मुश्किल के पार उतरते देखा है !

    प्रेरणा देती रचना, आज भी जीवों में मनुष्य से ज्यादा जीवन दर्शन देखने को मिलता है

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  5. प्रेरणादायी पोस्ट ....बढ़िया ...

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  6. बहुत सुन्दर और प्रेरक रचना ,मनुष्य को अन्य जीवों से बाहुत कुछ सीखना बाकी है
    latest post हे ! भारत के मातायों
    latest postअनुभूति : क्षणिकाएं

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  7. मेहनतकश चींटी को कण-कण से जीवन यापन करते देखा है,
    बाधायें कैसी भी आ जाये जीवन में उनसे पार उतरते देखा है

    प्रेरक कविता

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  8. हर दिन थोड़ा थोड़ा चलना,
    हर दिन थोड़ा थोड़ा जलना।

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  9. प्रेरणा देती सुंदर गज़ल .... काश चींटी से भी कुछ शिक्षा ग्रहण कर सकें ।

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  10. नन्ही सी चींटी भी कितना कुछ कह जाती है मौन में..

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  11. इन चीटियों से खूब प्रेरणा मिलती है।

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  12. मेहनतकश चींटी को कण-कण से जीवन यापन करते देखा है,
    बाधायें कैसी भी आ जाये जीवन में उनसे पार उतरते देखा है !
    ..सच अपने छोटे से जीवन में छोटी सी दिखने वाली मेहनतकश चींटी कितना कुछ सीख देती हैं हमें ...
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति

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  13. समर्पण की सीढ़ी चढ़कर श्रम का दान ये करती हैं तेरा-मेरा छोड़,
    जीवन की सारी बाधाओं से इनको निश दिन पार उतरते देखा है !

    सही है, जरा सी देह होये हुये भी पहाडों सी बाधाएं लांघ लेती हैं, बहुत ही प्रेरणास्पद.

    रामराम.

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  14. समर्पण की सीढ़ी चढ़कर श्रम का दान ये करती हैं तेरा-मेरा छोड़,
    जीवन की सारी बाधाओं से इनको निश दिन पार उतरते देखा है !------

    सच और जीवन का सच यही है---
    समर्पण ही तो है जो पारदर्शी सोच रखता है
    तभी सफलता कदम चूमती है

    सुंदर
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    सादर

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  15. 'श्रम' और 'निरंतरता' का कोई विकल्प नहीं ।

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मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....