माँ ने नहीं पढ़े होते
नियम क़ायदे
ना ही ली होती है डिग्री
कोई कानून की
फिर भी हर लम्हा सज़ग रहती है
अपने बच्चों के अधिकारों के प्रति
लड़ती है जरूरत पड़ने पर
बिना किसी हथियार के
करती है बचाव सदा
खुद वार सहकर भी !
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माँ के लिये एक समान होती हैं
उसकी सभी संताने
किसी एक से कम
किसी एक से ज्यादा
कभी भी प्यार नहीं कर पाती वह
ये न्याय वो कोई तुला से नहीं
बल्कि करती है दिल से
ममता की परख
बच्चे कई बार करते हैं !!
...
कसौटियों पर रख ये भी कहते हैं
हमें कम तुम्हें ज्यादा चाहती है माँ
कहकर आपस में जब झगड़ते हैं
तो उन झगड़ों को वो अक़्सर
एक सहज सी मुस्कान से मिटा देती है
और सब लग जाते हैं गले
ऐसा न्याय सिर्फ माँ ही कर सकती है !!!