आंकलन तेरा,
तेरे बग़ैर तेरा जब भी किया
सारी कमियों को
नजरअंदाज मन ने कर दिया
बिना मेरे कहे ही
सच तो यही है न,
कि दिलों के रिश्तों में...
दिमाग़ का दख़ल, न रखा जाये
तो, रिश्तों की उम्र लम्बी हो जाती है !!!
आंकलन तेरा,
तेरे बग़ैर तेरा जब भी किया
सारी कमियों को
नजरअंदाज मन ने कर दिया
बिना मेरे कहे ही
सच तो यही है न,
कि दिलों के रिश्तों में...
दिमाग़ का दख़ल, न रखा जाये
तो, रिश्तों की उम्र लम्बी हो जाती है !!!
...1
ये सुधियाँ भी
हुई बावरी देखो
चंचल मन।
…2
मीठी-सी यादें
कड़वी जिंदगी का
टॉनिक जैसे।
...3
सूनी मुँडेर
यादों का कागा बोले,
मन चहके।
...4
मन की नदी,
यादों के सागर से
मिली खो गई।
...5
यादों की डोर
बाँधे मन– पतंग
उड़ती जाए।
...6
यादों के मोती
चुगता जाए मन
फिर भी भूखा।