इक याद ने तेरी
हठ ठानी है
उसके आगे मेरी
हर बात हुई बेमानी है .... !
जरूर उसने कोई
काला जादू सीखा होगा :)
मैं कितना भी उसे कहती
मुझको न यूँ आकर
अपने रंग दिखलाओ
कुछ यादों ने
अभी-अभी ही पलकें मूंदी हैं
उनको न जगाओ
कभी हिचकी तो
कभी बेवज़ह खिलखिलाना
सोती हुई यादों को
गुदगुदाना ... !!
फ़कत इक लम्हा हँसी का देकर
फिर खो जाना दूर कहीं
अचानक भरी भीड़ में सब के बीच
कभी चुपके से आ जाना
यादों की हथेली को
पलकों पे रख
धीमे से फुसफसाना
पहचानो मुझे ... !!!
स्मृतियाँ यूँ ही दस्तक देती रहती हैं.... सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंBahutu hi masum aur sundar rachana.....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति..वाह..
जवाब देंहटाएंउम्र चाहे जो भो हो .....
जवाब देंहटाएंयादोँ का काम है सुकून देन!
शुभकामनाएँ!
यादों की हथेलियां आंखों पर।
जवाब देंहटाएंये हठ भी गजब की होती है ... सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंयादें कहीं मानती है क्या ,आये बिना.....बड़ी जिद्दी होतीं हैं.....
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव...
सस्नेह.
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!....आभार!
जवाब देंहटाएंbahut achhe jazbaat
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया यादों की सुंदर अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना,...
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST काव्यान्जलि ...: कवि,...
hmmm...kuch yaadein badi nalayak hoti hai...bin bulaye aa tapakti hai :)
जवाब देंहटाएंकभी चुपके से आ जाना
जवाब देंहटाएंयादों की हथेली को
पलकों पे रख
धीमे से फुसफसाना
पहचानो मुझे ... !!!
...........बहुत ही सुन्दर बहुत ही सुकून भरी पंक्तियाँ..!
वाह बहुत ही खुबसूरत ।
जवाब देंहटाएंकभी चुपके से आ जाना
जवाब देंहटाएंयादों की हथेली को
पलकों पे रख
धीमे से फुसफसाना
पहचानो मुझे ...
sundar bhaav liye,behatariin rachana.
बहुत ही खूबसूरत।
जवाब देंहटाएंसादर
वाह, बहुत सुंदर अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंyadon ka sundar safar aabhar, ki aapne hamen shamil kiya .
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति ।।
जवाब देंहटाएंvivid and lively
जवाब देंहटाएंज़िन्दगी में हंसी-ठिठोली के ये दो चात क्षण बडे महत्वपूर्ण होते हैं।
जवाब देंहटाएंये यादें नहीं जाती ....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
yaade kahan jaati hai bahut bahut sundar
जवाब देंहटाएंये यादें ....आह भी वाह भी...
जवाब देंहटाएंयादों की हथेली को
जवाब देंहटाएंपलकों पे रख
धीमे से फुसफसाना
पहचानो मुझे ... !!!
बस यही तो यादों की आँख मिचौली होती है :)
यादें वैसे भी अंधियारे में एक प्रकाश की किरण की तरह होती है.. या फिर अनजान लोगों की भीड़ में किसी दोस्त की तरह.. बहुत ही हौले से दिल को छूने वाली कविता!!
जवाब देंहटाएंकोमल एहसास की कोमल अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
bahot sunder....
जवाब देंहटाएंयादें ऐसी ही होती है , भरी भीड़ में चुपके से आँखों पर हाथ रख आँख मिचौली खेलती है !
जवाब देंहटाएंमन को भिगोती कविता !
अनूठे शब्द और अद्भुत भाव से सजी इस रचना के लिए बधाई स्वीकारें...
जवाब देंहटाएंनीरज
सुन्दर रचना। सहज अभिव्यक्ति। मन पर प्रभाव
जवाब देंहटाएंछोड़ने वाली प्रस्तुति।
आनन्द विश्वास
मेरे पास शब्द नहीं
जवाब देंहटाएंकि
प्रतिक्रिया दे सकूं
मौन भावनाएँ अर्पित है
सादर
यशोदा
behtreen bhavotprerak rachna,,,sadaa ji..wah
हटाएंshubhkamnaen evm saadhuwad
छोटी छोटी घटनाएँ भी कितनी संवेदना जगाती है यह आपकी कविता दर्शाती है. बधाई इस सुंदर प्रस्तुति के लिये.
जवाब देंहटाएंइक याद ने तेरी
जवाब देंहटाएंहठ ठानी है
इन चार शब्दों में ही पूरी कहानी है....
nice ...............
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भावव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारी रचना है... मन में एक मीठी मुस्कान बिखेर गयी... :)
जवाब देंहटाएंकभी चुपके से आ जाना
जवाब देंहटाएंयादों की हथेली को
पलकों पे रख
धीमे से फुसफसाना
पहचानो मुझे ... !!!
aisi pahachan se bhala kaun nahi vakif hoga ....badhai ke sath abhar bhi .
कोमल भावो की सुन्दर ,प्यारी रचना....
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