मैं आस का एक धागा लाई हूं
जो अभी बहुत कमज़ोर है
पर तुम्हे पता है
इसे हम और मज़बूत कर सकते हैं
इसी तरह का
एक धागा मैने तुम्हारे पास भी देखा था
तुमने भी तो उसमें
कोई गांठ नहीं बांधी है
और मैंने भी
इसमें कोई गांठ नहीं बांधी
दोनो इकट्ठे होंगे तो
मजबूत हो जाएंगे ...
हमें इस धागे को
मजबूत करने के लिए
दोनो को एकसार करना होगा
कमजोर धागों में यूं तो
गांठ लगती नहीं
यदि लग गई तो फिर
खुलती नहीं ...
फिर जब भी कोई
इसे तोड़ना चाहेगा
उंसकी उंगलियों में
ये अपने टूटने का
घाव जरूर दे जाएगा
और एक अनचाहा दर्द भी ...
फिर जब भी कोई
इसे तोड़ना चाहेगा
उंसकी उंगलियों में
ये अपने टूटने का
घाव जरूर दे जाएगा
और एक अनचाहा दर्द भी ...
सदा दीखती दृष्टि-नवल, धवल प्रेम संवाद ।
जवाब देंहटाएंसंग जुड़ें शक्ति मिले, प्रेम सूत्र नाबाद ।।
dineshkidillagi.blogspot.in
आस सबल होती है ..दो लोगों की आस जुड़ कर प्रार्थना बन जाती है .....आसानी से नहीं टूटती ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना ...सदा जी ...
हमें इस धागे को
जवाब देंहटाएंमजबूत करने के लिए
दोनो को एकसार करना होगा
कमजोर धागों में यूं तो
गांठ लगती नहीं
यदि लग गई तो फिर
खुलती नहीं ...
Kya gazab ka likha hai!
बहुत सुंदर भाव सदा जी.......................
जवाब देंहटाएंकिसी के तोड़ने से भी नहीं टूटते ये धागे........
सस्नेह.
कमजोर धागों में यूं तो
जवाब देंहटाएंगांठ लगती नहीं
यदि लग गई तो फिर
खुलती नहीं ...
Bahut Sunder....
मनोभावों को बेहद खूबसूरती से पिरोया है आपने.......
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई।
aasha ho tabhi sabkuch hai .... ummeed pe hi duniya jiti hai
जवाब देंहटाएंजी बहुत सुंदर रचना है
जवाब देंहटाएंआपको पढने में सच में अच्छा लगता है
हमें इस धागे को
मजबूत करने के लिए
दोनो को एकसार करना होगा
कमजोर धागों में यूं तो
गांठ लगती नहीं
यदि लग गई तो फिर
खुलती नहीं ...
क्या कहने
jahaan do miljaate hain vahaan majbooti aati hai sudradhta aati hai chaahe vo rishton ki hi baat ho.bahut gahan baat kahi hai rachna ke maadhyam se sada ji.
जवाब देंहटाएंbahut sunder !!
जवाब देंहटाएंआस का धागा और मजबूत करने के लिए एकसार करना ... बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंआस का धागा टूटने पे बहुत तकलीफ होती है ... ऊपर के घाव तो भर भी जाते हैं ... अंदर के घाव नहीं भरते ...
जवाब देंहटाएंवाह....बहुत खूबसूरत लगी पोस्ट....शानदार।
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंसादर
फिर जब भी कोई
जवाब देंहटाएंइसे तोड़ना चाहेगा
उंसकी उंगलियों में
ये अपने टूटने का
घाव जरूर दे जाएगा
और एक अनचाहा दर्द भी ..
.............भावपूर्ण रचना अभिव्यक्ति. रचना के माध्यम से सटीक बात ...आभार
जो अभी बहुत कमज़ोर है
जवाब देंहटाएंपर तुम्हे पता है
इसे हम और मज़बूत कर सकते हैं
...बहुत ही सुन्दर सदा दी ....शब्दों में अपनापन सा लगता है 1!!
aas kaa dhagaa
जवाब देंहटाएंhee to himmat baandhe rakhtaa
फिर जब भी कोई
जवाब देंहटाएंइसे तोड़ना चाहेगा
उंसकी उंगलियों में
ये अपने टूटने का
घाव जरूर दे जाएगा
और एक अनचाहा दर्द भी ...
yahi to is dhaage ki khasiyat hai....isliye saawdhan rahna hoga.
sunder prastuti.
कमजोर धागों में यूं तो
जवाब देंहटाएंगांठ लगती नहीं
यदि लग गई तो फिर
खुलती नहीं ... sarvsty
आशाओं को इस तरह मजबूती मिले तो क्या बात है । कोई तोडना चाहे तो वह खुद ही टूट जाए ।
जवाब देंहटाएंफिर जब भी कोई
जवाब देंहटाएंइसे तोड़ना चाहेगा
उंसकी उंगलियों में
ये अपने टूटने का
घाव जरूर दे जाएगा
और एक अनचाहा दर्द भी ...
सुन्दर रचना,बेहतरीन भाव पुर्ण प्रस्तुति,.....
RECENT POST...काव्यान्जलि ...: यदि मै तुमसे कहूँ.....
RECENT POST...फुहार....: रूप तुम्हारा...
आस का धागा कातते कातते एक जीवन सूत्र बन जायेगा।
जवाब देंहटाएंवाह !!! धागे के माध्यम से गहन बात...बधाई असीमित भाव भरी रचना के लिए...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर !!
जवाब देंहटाएं'कलमदान '
अति सुन्दर रचना ,सारगर्भित लेखन के लिये बधाई .
जवाब देंहटाएंरिश्तों की कच्ची डोर और मज़बूत संबंधों की दास्तान!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!!
आस का धागा। दो धागों को एकसार करना। अदृभुत बिम्ब है। बधाई।
जवाब देंहटाएंआस का धागा बहुत ही खुबसूरती से बंधा है..बहुत सुन्दर भाव सदा जी..बधाई..
जवाब देंहटाएंधागों का समायोजन...आइडिया अच्छा है...जितने रिश्ते उतने धागे...उतनी मजबूती...
जवाब देंहटाएं