सोमवार, 30 अक्टूबर 2017

उम्मीद की हथेली !!!

बदल जाने के लिए
वक़्त होता है रिश्ते नहीं
रूठें तो मनाओ
मन की गिरह खोलो
अपनेपन की ऊँगली
पकड़कर पार कर लो
हर मुश्किल को !!
...
कुछ रिश्ते 
होते हैं सच्चे
झूठ की गिरफ़्त से 
कोसों दूर
जैसे यक़ीन के काँधे पर
टिकी हो कोई
उम्मीद की हथेली !!

शनिवार, 7 अक्टूबर 2017

सिक्के मुस्कराहटों के !!!!

मैंने टांक दिया है आज फ़िर
तेरे खामोश लिबास पे
हँसी की जेब को
जिसमें कुछ सिक्के भी
रख छोड़े हैं मुस्कराहटों के
जो तुम्हें चाह कर भी
खिलखिलाने से नहीं रोक पाएंगे !!

बुधवार, 4 अक्टूबर 2017

नमक तेरी वफ़ा का !!


कुछ पाक़ीज़ा से रिश्‍ते 
जिनकी सरपरस्‍ती के लिये 
दुआ़ जब भी निकलती 
सर पे कफ़न बाँध के 
ये कहते हुए 
मु‍मकि़न हो के न हो 
पूरा कर के लौटूंगी
तेरी ख्‍वा़हिश मेरे मौला !
... 
तबस्‍सुम की गली 
मिला दर्द अंजाना सा तो 
बढ़ा दी हथेलियाँ मैने 
ओक़ में, 
बस आँसू थे ज़ानां 
कुछ नमक मिला था इनमें 
सलीक़े का इस क़दर 
बस लबों को खारापन दे गये 
इस उम्‍मीद के साथ 
जब भी इनका जि़क्र होगा 
तेरा नाम न अाने देंगे 
सिहर गई पी के जिंदगी इनको
और एक वादा किया 
ये नमक तेरी वफ़ा का 
ता-उम्र दिल में छिपा के रखेगी !!!!
... 

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मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....