(1)
घनी पलकों की छाव में 
सुन्दरता बढ़ जाती 
नयनों की 
इन पलकों की छांव का 
एक बाल टूटकर 
जब डूब जाता 
नयनों के प्याले में 
कितनी चुभन होती 
जब तक निकल न जाता 
आंख से ....!
(2)
ऐसे ही कुछ रिश्ते
भी हो जाते हैं
जिनसे कभी 
जीवन महक जाता है 
कभी कुछ रिश्ते
हो जाते हैं ऐसे 
जो चुभने लगते हैं
उनकी चुभन
से जीवन की सारी
खुशियां छिन जाती हैं
ऐसा क्यों होता है ....
जिन के बिना 
हम कभी
एक पल 
रह नहीं पाते
फिर किसी मोड़ पर
उसी से 
बच के निकल जाते हैं ....!!
आज मेरी यह 100वीं पोस्ट आप सबके सामने है,
इधर कुछ दिनों से आप सब के बीच नहीं पहुंच सकी
इसी खेद के साथ सदा ....

