रविवार, 21 जनवरी 2024

नतमस्तक होगी भक्ति भी!!


 

संकल्प की ड्योढ़ी पर

आज हर आंगन

दीप जलेगा

उत्सव की इस बेला में

नतमस्तक होगी भक्ति भी

विश्वास की शक्ति से

राम आएंगे… जन जन के राम आएंगे!

… 

शुभ और हर संकल्पित मन को 

इस पल की बधाई! बधाई!! 


मंगलवार, 5 सितंबर 2023

नया सबक..

 ज़िंदगी सबसे बड़ी शिक्षक

तो तू ही है, हर दिन.. 

हर पल... एक नया सबक

सिखाती है और credit भी 

नहीं लेती ☺














शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021

वक़्त की मुस्कान ...

 वक़्त तो बड़ा ही व्यस्त है

ज़िन्दगी भी अब
इसकी अभ्यस्त है
नित-नई चुनौतियों की
ओढ़कर दुशाला
चलते-चलते
सोचता कोई है ..
जो मन की देहरी को
पार करने से पहले
दस्तक़ देकर,
पूछ ले हाल
मनमर्जियों की लग़ाम
पकड़ ले कसकर !

तुम्हें पता है न
विदा के वक़्त की मुस्कान
मन के हर भार को
हल्का कर देती है
और विश्वास को दुगुना
.. कि जो भी होगा
वो अच्छा ही होगा !!

नववर्ष की अनंत मंगलकामनाएं 🎉🎉
...
© सीमा 'सदा'


सोमवार, 13 सितंबर 2021

मातृ भाषा की उन्नति !!!

 



पर्व है ये

मातृ भाषा की उन्नति का

मन से मन को मिलाती

करती परिक्रमा

अंतर्मन की

सृजित होती,

उर्जित करती कर को

मन की करता चल

रुक मत तू आगे ही आगे

बढ़ता चल !

जाने कितने रंग समेटे 

उत्सव का दिन

लेकर आई हिंदी

उल्लासित हैं

सब मिल-जुल,

स्वर-व्यंजन भी

हुए अलंकृत 

नये-नये प्रतिमानों से,

मन के द्वार 

सजी रंगोली

मंगल कलश 

सजा कर कमलों में

करती हूँ अभिनन्दन तेरा

हिंदी, लगाकर तुझको

रोली चन्दन मैं !!

रविवार, 22 अगस्त 2021

पावन सी दुआ !!!

 स्मृतियां आने से पहले

नहीं देती दस्तक़

वरना मैं आपको आज भी

हँसती हुई मिलती पापा

बना रही हूँ 

मीठी सिवइयां

इनके बिना फीका लगता था

आपको हर त्यौहार 

नेह के बन्धनों में बंधे हम

विस्मृत नहीं होते 

कभी इन स्मृतियों से !

अक्षत से रोली

हँस के बोली 

तुम भी मेरे भाई के माथे पर 

सितारों से चमकते हो

मेरे रतनारी रँग पर

पावन सी दुआ बनते हो

इस विश्वास के साथ कि

मेरे भाई की कोई क्षति नहीं होगी

धागा नेह का

बंध के कलाई पर 

अडिगता से निभाता है वचन

पवित्र रिश्ते का 

सम्मान के संग !!

...




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मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....