रविवार, 27 दिसंबर 2020

एक दुआ !!!

पावन सी एक दुआ

तेरे हक में

कच्चे सूत की

पक्के रँग वाली बाँध दी है

उम्मीद की गठानें मारकर!

..

जब भी गूँजेंगे

मंदिर में घण्टियों के स्वर

ईश्वर को इन

मन्नतों का स्मरण

जरूर होगा

विश्वास की डोर

नेह से बंधी

डोलती रहती है आगे-पीछे

पवित्र स्पर्श से !!!

...



10 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर सरस सौम्य काव्य सृजन।

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  2. सीधे-सीधे शब्दों में सुन्दर अनुकामना।

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  3. पावस शब्दों से बुनी सुन्दर रचना ...
    आरती पवित्र बंदन की ...

    जवाब देंहटाएं

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मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....