उसने मुझसे इक दिन
भीगी आँखों से कहा
ये मुहब्बत भी
बहुत बुरी शय होती है
किसी और की खबर
रखते-रखते
खुद से बेखबर हो जाती है
...
कुछ टूटने से पहले
आवाज हो
ये जरूरी तो नहीं
तुमने देखा तो होगा
फूलों का खिलना
और बिखर जाना चुपके से!!!
....
भीगी आँखों से कहा
ये मुहब्बत भी
बहुत बुरी शय होती है
किसी और की खबर
रखते-रखते
खुद से बेखबर हो जाती है
...
कुछ टूटने से पहले
आवाज हो
ये जरूरी तो नहीं
तुमने देखा तो होगा
फूलों का खिलना
और बिखर जाना चुपके से!!!
....
मुहब्बत ने सच ही
जवाब देंहटाएंखुद से बेखबर कर दिया
जब दिल टूटा तो
उसकी कुछ खबर भी न हुई ॥
बेहतरीन क्षणिकाएं
उतर गयीं दिल के भीतर...
जवाब देंहटाएंआपकी ये पंक्तियाँ भी...
चुपके से...
~सादर!!!
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंक्या बात
फूलों का खिलना
जवाब देंहटाएंऔर बिखर जाना चुपके से...
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मन की गहराइयों में उतरती पंक्तियाँ ...लाजवाब ...
सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंमुहब्बत की शय ही ऐसी है,बहुत ही भावपूर्ण प्रस्तुति.किसी ने कहा है...
जवाब देंहटाएंकिसी को प्यार इतना देना की हद न रहे !
पर ऐतबार भी इतना करना की शक न रहे !!
वफ़ा इतना करना की बेवफाई न रहे !
और दुवा इतना करना की जुदाई न रहे !!
कितना सच्च लिखा हैं !
जवाब देंहटाएंपधारिये : किसान और सियासत
कुछ टूटने से पहले
जवाब देंहटाएंआवाज हो
ये जरूरी तो नहीं
तुमने देखा तो होगा
फूलों का खिलना
और बिखर जाना चुपके से!!!
बहुत सुंदर ...शुभकामनायें
फूलों का खिलना
जवाब देंहटाएंऔर बिखर जाना चुपके से!!!
बहुत बडी बात कह दी आपने……
मन की गहराइयों से निकली
जवाब देंहटाएंमन की गहराइयों तक पहुंचती
बहुत ही सुन्दर रचना...
टूटने के पहले अजब शान्ति होती है।
जवाब देंहटाएंवाह! खुबसूरत अहसास .....
जवाब देंहटाएंकुछ टूटने से पहले
जवाब देंहटाएंआवाज हो
ये जरूरी तो नहीं
तुमने देखा तो होगा
फूलों का खिलना
और बिखर जाना चुपके से!!!भाव पूर्ण पंक्तियाँ,,,
Recent post : होली की हुडदंग कमेंट्स के संग
बहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंतुमने देखा तो होगा
जवाब देंहटाएंफूलों का खिलना
और बिखर जाना चुपके से!!!
खूब ..... बहुत ही गहरी बात
bahut khoob!
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत और गहरे अहसास
जवाब देंहटाएंवाह वाह दोनों ही कमाल के हैं ।
जवाब देंहटाएंbehad bhavpoorn .......mn ko chhoo gyee ...badhai sada ji .
जवाब देंहटाएंmuhabbat ke saath dard kyun hota hai ...
जवाब देंहटाएंsundar bhavpoorn rachna..
ज़िंदगी का शायद यही फलसफा है जिस तरह खुदा की लाठी में आवाज़ नहीं होती। उसी तरह दिल के टूटने पर भी कोई आवाज नहीं होती। यही कारण है शायद कि अक्सर खिले हुए चहरों के पीछे छिपी हुई गहरी खामोशियान होती हैं।
जवाब देंहटाएंकुछ टूटने से पहले
जवाब देंहटाएंआवाज हो
ये जरूरी तो नहीं
तुमने देखा तो होगा
फूलों का खिलना
और बिखर जाना चुपके से!!!
बहुत खूब ... निःशब्द हूं इस अभिव्यक्ति पर ...
दिल के टूटने का गम याद आ गया ...
बेआवाज टुटन के किरचे बहुत चुभते हैं...सुंदर अभिव्यक्ति !!
जवाब देंहटाएंकुछ टूटने से पहले
जवाब देंहटाएंआवाज हो
ये जरूरी तो नहीं
तुमने देखा तो होगा
फूलों का खिलना
और बिखर जाना चुपके से!!!
....शायद इसलिए फूलों की तुलना दिल से होती है ...उनके भी टूटने की आवाज़ जो नहीं होती ...बहुत खूब सदाजी .....!!!
कुछ टूटने से पहले
जवाब देंहटाएंआवाज हो
ये जरूरी तो नहीं
तुमने देखा तो होगा
फूलों का खिलना
और बिखर जाना चुपके से!
प्यार में टूटने से आवाज कहाँ होती है और दिल बिखरता भी इस कदर है की समेटे नहीं सिमटता
फूलों की तरह दिल भी बेआवाज़ टूटती है. भावपूर्ण रचना, बधाई.
जवाब देंहटाएंKuch panktiyon me hi mohabbat ke har rang ko prastut kiya hai aapne..
जवाब देंहटाएंbahut khub...
Hum khud se door shi par tmhe zndgi k hr rang mein pte h ,mohabat ka yhi dastoor is bahane hr lmha tmhe jee jte h....
जवाब देंहटाएंमुहब्बत चीज ही ऐसी है ...:))
जवाब देंहटाएंदिल के टूटने की भी आवाज़ कहाँ आती है .
जवाब देंहटाएंकृपया शह/शै कर लें एक शह शतरंज वाली शै है .बढ़िया प्रस्तुति .
वाह...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.....
सिसकते फूल देखें हैं कभी???
सस्नेह
अनु
बहुत सुन्दर और गहन भी ...सीधे ह्रदय तक पहुंचती बात सदा जी ....!!
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंउसने मुझसे इक दिन
जवाब देंहटाएंभीगी आँखों से कहा
ये मुहब्बत भी
बहुत बुरी शय होती है
किसी और की खबर
रखते-रखते
खुद से बेखबर हो जाती है------
प्रेम का महीन अहसास
गजब
बहुत सुन्दर लेखन | पढ़कर आनंद आया | आशा है आप अपने लेखन से ऐसे ही हमे कृतार्थ करते रहेंगे | आभार
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
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