कुछ रिश्ते
सिर्फ सम्मान के होते हैं
सम्बोधन उनका कुछ भी हो
बस उन्हें
सज़दा करने का जी चाहता है !
.....
कुछ रिश्ते
जो अभिमानी होते हैं
उन्हें सिर्फ विनम्रता से ही
एक नई राह पर
लाया जा सकता है !
.....
कुछ रिश्ते
गुल्लक होते हैं
जिनमें हर रोज़ डालना होता है
कुछ अंश स्नेह का !
....
कुछ रिश्ते
पूँजी होते हैं जीवन की
जिनके संचय में
हर पल सावधानी
रखना आवश्यक होता है !
....
कुछ रिश्ते
सिर्फ आखेट हो जाते हैं
रिश्तों के नाम पर
और अपना मान खो देते हैं !
...
कुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंसिर्फ आखेट हो जाते हैं
रिश्तों के नाम पर
और अपना मान खो देते हैं !
सही भी सार्थक भी
मेरी नई कविता आपके इंतज़ार में है: नम मौसम, भीगी जमीं ..
कुछ रिश्ते आखेट होते हैं ...सच्चे अच्छे , खट्टे मीठे रिश्तों के बीच ऐसे रिश्ते भी होते ही हैं , कब तक आँख मूंदे रहें !
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंसिर्फ आखेट हो जाते हैं
रिश्तों के नाम पर
और अपना मान खो देते हैं !"
सही चित्रण किया रिश्तो का---
रिश्ते भी पोधो के सामान होते है जहाँ रोज़ पानी डालो तो फलेगे -फुलेगे ..और पानी नहीं तो मुरझा जायेगे ---
रिश्तों को बड़ी गूढ़ नज़रों से देखा है. सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रिश्तों की व्याख्या !
जवाब देंहटाएं~रिश्तों की राह,
है बहुत कठिन,
रखना पाँव,
सँभल -सँभल के,
कोई दिल ना दुखे!~
-सादर!!!
रिश्तों पर सुंदर गहन अभिव्यक्ति .....सदा जी ॥
जवाब देंहटाएंगुल्लक का बिम्ब बहुत अच्छा लगा .... सभी क्षणिकाएं सत्य को कहती हुई ...
जवाब देंहटाएंRishto ki Sundar paribhasha....
जवाब देंहटाएंरिश्तों को बहुत सम्हाल कर रखना होता है।
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंगुल्लक होते हैं
जिनमें हर रोज़ डालना होता है
कुछ अंश स्नेह का !
.... बहुत सुंदर रिश्तों की अभिव्यक्ति सदा जी........
RISHTO KI SUNDAR ABHIWAYKTI .......
जवाब देंहटाएंबहुत कुछ सीखा गई रिश्तों के बारे में ....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें !!
कुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंसिर्फ आखेट हो जाते हैं
रिश्तों के नाम पर
और अपना मान खो देते हैं !
...बिल्कुल सच..रिश्तों के विभिन्न रूपों का सुन्दर और सटीक आंकलन..
khoobsurat rishtey....khoobsurat paribhasha...
जवाब देंहटाएंरिश्तों की पहचान ...आजकल बहुत जरूरी है .....
जवाब देंहटाएंआभार आपका !
कुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंसिर्फ आखेट हो जाते हैं
रिश्तों के नाम पर
और अपना मान खो देते हैं !
बिल्कुल सच..रिश्तों के विभिन्न रूपों का सुन्दर और सटीक आंकलन..
रिश्तों पर सुंदर गहन अभिव्यक्ति .....सदा जी ॥
रिश्तों का गणित बहुत उलझा होता है और एक बार समझ आ जाये तो दो और दो चार हो जाता है।
जवाब देंहटाएंरिश्तों को समझना बड़ी उलझन का काम है सदा जी, आपने बहुत अच्छी व्याख्या की है इनकी...
जवाब देंहटाएंरिश्ते इतने हसीं होते हैं जिनके सजदे में सर झुकाया जा सकता है, जहाँ अभिमान होता नहीं, प्रेम रूपी धन से भरा दिल सदा हमारा इंतज़ार करता है
जवाब देंहटाएंरिश्तों को लेकर सुन्दर रचना की है आपने।
जवाब देंहटाएंbhaut hi khubsurat risto ki abhivaykti.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर व्याख्या की रिश्तों की आपने, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम
कुछ रिश्ते
गुल्लक होते हैं
जिनमें हर रोज़ डालना होता है
कुछ अंश स्नेह का !
वाऽह ! क्या बात है !
बहुत खूबसूरत !
आदरणीया सदा जी
सुंदर कविता के लिए आभार !
शुभकामनाओं सहित…
सही चित्रण किया रिश्तो का.....
जवाब देंहटाएंरिश्तों की बेहतरीन अभिव्यक्ति,सुंदर चित्रण,,,,
जवाब देंहटाएंrecent post: वजूद,
कुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंसिर्फ आखेट हो जाते हैं
रिश्तों के नाम पर
और अपना मान खो देते हैं !"रिश्तों की सुन्दर चित्ररण किया है
बढिया रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
सजदा वाले और गुल्लकवाले रिश्ते समझ में आ जाते हैं पूँजीवाले भी ठीक पर शेष को समझना टेढ़ी खीर है !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर ......
जवाब देंहटाएंहर परिभाषा पर दिल भीगा जाता है....
बेहद खूबसूरत...
सस्नेह
अनु
रिश्तों का निभाना एक कला है। खेल नहीं। खेल समझने वाले हारते ही हैं।
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंगुल्लक होते हैं
जिनमें हर रोज़ डालना होता है
कुछ अंश स्नेह का !
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हाल के दिनों में ब्लॉग पर की सर्वोत्तम रचना.......................
वाकई ......!!!!!
जवाब देंहटाएंरिश्तों के अनेक रूप उजागर करती ... लाजवाब रचना है ...
जवाब देंहटाएंरिश्तों की ये पूरी सीरीज ही काबिले तारीफ है ।
जवाब देंहटाएंरिश्तों की सुंदर परिभाषा.
जवाब देंहटाएंसच ही कहा है किसी ने रिश्ते बनाना बहुत आसान है मगर निभाना उतना ही मुश्किल... :)रिश्तों को परिभाषित करती सुंदर एवं सार्थक रचना....
जवाब देंहटाएंरिश्तों की नज़ाकत को उतनी ही नाज़ुकी से बयान किया है आपने हर रंग में.. रंगों की विविधता ने कविता को इन्द्रधनुषी बना दिया है!!
जवाब देंहटाएंरिश्तों की धूप मन को सहलाती है...सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंसदा जी हमारी महाता तभी है जब हम दूसरो के ब्लाग पर भी कमेनट करे
जवाब देंहटाएंहर रिश्ते की अपनी ही परिभाषा होती है
जवाब देंहटाएंहर रिश्ते का भूगोल वर्णित कर दिया आपकी इस रचना ने...सुंदर प्रस्तुति।।।
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंसिर्फ आखेट हो जाते हैं
रिश्तों के नाम पर
और अपना मान खो देते हैं !
..सच आज यही हाल होता जा रहा है रिश्तों का ..
बहुत बढ़िया चिंतन कराती रचना
behtareen bhaav...bahut hi sundar:-)
जवाब देंहटाएंरिश्तों की सच्चाई को बयां करती खुबसूरत रचना ..
जवाब देंहटाएंसादर !
bahut sundar Vyakhyaa ki hai rishto'n ki apne ...
जवाब देंहटाएंAtti sundar ...sada sis
Rishton ka achha chitran...
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