कुछ ज़ख्मों पे
कभी - कभी लगता है
मरहम़ लगाने की जगह
नमक डाल दो
उसकी टीस से मन व्यथित होना
भूल ही जाए
कई ज़ख्म ऐसे होते हैं
जो सिर्फ नासूर ही हो सकते हैं
कभी सूखे हुए निशान नहीं
....
जैसे कुछ दर्द होते हैं
कितना भी उन्हें वक़्त दो
कितना भी उनपर
भावनाओं का स्नेह उड़ेलते रहो
उन्हें तो दामन को तुम्हारे
नम ही करना होता है
भूलना जानते ही नहीं
हँसी को पहचानते ही नहीं
एक कतरा खुशी के लिए
मुट्ठी भर दर्द देना
शामिल होता है हर बात पर
...
कुछ परेशानियों को तो
ज़रूरत होती है
आत्मविश्वास की छड़ी की
जब तक उन्हें बाहर का
रास्ता न दिखाओ
वे उसे अपना घर समझ :)
उस पर राज़ करती रहती हैं
कोई मुश्किल आये तो
हम कैसे उसका स्वागत करें
अपना दु:ख दूसरों के संग
कैसे साझा करें
इन्हें सीधा करना हो तो बस
मां की तरह आंखे तरेरना आना चाहिए
अरे !!! आंसुओं को भी तो
कभी डराना चाहिए !!!
मुस्कराहट से कोई नाता है अपना
सबको ये खुलकर बताना चाहिए ... :)
कभी - कभी लगता है
मरहम़ लगाने की जगह
नमक डाल दो
उसकी टीस से मन व्यथित होना
भूल ही जाए
कई ज़ख्म ऐसे होते हैं
जो सिर्फ नासूर ही हो सकते हैं
कभी सूखे हुए निशान नहीं
....
जैसे कुछ दर्द होते हैं
कितना भी उन्हें वक़्त दो
कितना भी उनपर
भावनाओं का स्नेह उड़ेलते रहो
उन्हें तो दामन को तुम्हारे
नम ही करना होता है
भूलना जानते ही नहीं
हँसी को पहचानते ही नहीं
एक कतरा खुशी के लिए
मुट्ठी भर दर्द देना
शामिल होता है हर बात पर
...
कुछ परेशानियों को तो
ज़रूरत होती है
आत्मविश्वास की छड़ी की
जब तक उन्हें बाहर का
रास्ता न दिखाओ
वे उसे अपना घर समझ :)
उस पर राज़ करती रहती हैं
कोई मुश्किल आये तो
हम कैसे उसका स्वागत करें
अपना दु:ख दूसरों के संग
कैसे साझा करें
इन्हें सीधा करना हो तो बस
मां की तरह आंखे तरेरना आना चाहिए
अरे !!! आंसुओं को भी तो
कभी डराना चाहिए !!!
मुस्कराहट से कोई नाता है अपना
सबको ये खुलकर बताना चाहिए ... :)
मुस्कराहट से कोई नाता है अपना
जवाब देंहटाएंसबको ये खुलकर बताना चाहिए ... :)
....बहुत सच कहा है...कभी कभी ग़मों को भुलाकर मुस्कराना भी चाहिए..बहुत सुन्दर रचना
गमों को याद रखकर मुस्काराओ तो बात है।
जवाब देंहटाएंकुछ परेशानियों को तो
जवाब देंहटाएंज़रूरत होती है
आत्मविश्वास की छड़ी की
जब तक उन्हें बाहर का
रास्ता न दिखाओ
वे उसे अपना घर समझ :)
उस पर राज़ करती रहती हैं
वाह...बेजोड़ बात कही है आपने...इस रचना के लिए बधाई स्वीकारें
नीरज
मुस्कराहट से कोई नाता है अपना
जवाब देंहटाएंसबको ये खुलकर बताना चाहिए ... :
गम के बाद खुशी भी तो आती है,.... सुंदर प्रस्तुति,..
my recent post....काव्यान्जलि ...: कभी कभी.....
जी बिल्कुल सच
जवाब देंहटाएंकुछ ज़ख्मों पे
कभी - कभी लगता है
मरहम़ लगाने की जगह
नमक डाल दो
उसकी टीस से मन व्यथित होना
भूल ही जाए
ये कुछ ऐसी टीस है, जिससे आमतौर पर हर किसी को रुबरू होना पड़ता है। बहरहाल आप लोगों की नहीं कह सकता, मुझे तो होना पड़ता है और मन में यही आता है कि कुछ ऐसा ही हो जाए.. बहुत अच्छी रचना और रचना के पीछे की सोच और आपका अनूठा दर्शन यानि फिलासफी
बढ़िया प्रस्तुतीकरण |
जवाब देंहटाएंआभार |
प्यार हो या डर झिड़क का, एक डोरी सी बँधी हो..
जवाब देंहटाएंbilkul sach kaha aapne....
जवाब देंहटाएंएक कतरा खुशी के लिए
जवाब देंहटाएंमुट्ठी भर दर्द देना
शामिल होता है हर बात पर
sada ji bilkul jajbab rachana sundar shabd sanyojan ke sath hi gahre bhavon se susajjit rachana ...badhai ke sath abhar bhi
कोई मुश्किल आये तो
जवाब देंहटाएंहम कैसे उसका स्वागत करें
अपना दु:ख दूसरों के संग
कैसे साझा करें
इन्हें सीधा करना हो तो बस
मां की तरह आंखे तरेरना आना चाहिए
अरे !!! आंसुओं को भी तो
कभी डराना चाहिए !!!
Kamal kee baat kahee hai aapne!
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना।
जवाब देंहटाएंजीवन एक लहर है. आती है चली जाती है. कोई इसे हँस के काटता है कोई रो कर. हँसने वाला बेहतर काट जाता है. सुंदर कविता.
जवाब देंहटाएंआपका यह ब्लॉग HTML के अत्यधिक प्रयोग से भारी हो गया है और देरी से खुलता है. वायरस की सूचना भी मिलती है. यदि ठीक समझें तो gadgets की संख्या न्यूनतम कर दीजिए.
जवाब देंहटाएंसच कहा है ... वैसे अधिकतर परेशानियों से खुद ही उभारना होता है ... आत्मविश्वास खुद में लाना होता है ...
जवाब देंहटाएंजैसे कुछ दर्द होते हैं
जवाब देंहटाएंकितना भी उन्हें वक़्त दो
कितना भी उनपर
भावनाओं का स्नेह उड़ेलते रहो
उन्हें तो दामन को तुम्हारे
नम ही करना होता है
भूलना जानते ही नहीं
हँसी को पहचानते ही नहीं
एक कतरा खुशी के लिए
मुट्ठी भर दर्द देना
शामिल होता है हर बात पर
सदा जी बहुत ही सुन्दर शब्दों में दर्द को ढाल दिया है आपने.....कुछ चीज़े हमारे बस में ही नहीं होती शायद......इस गहन और शानदार पोस्ट के लिए हैट्स ऑफ ।
bahut hi shandar shabd sanyojan ke sath sundar abhivyakti !
जवाब देंहटाएंअरे !!! आंसुओं को भी तो
जवाब देंहटाएंकभी डराना चाहिए !!!
मुस्कराहट से कोई नाता है अपना
सबको ये खुलकर बताना चाहिए ... :)
ये अंतिम पंक्तियाँ ही आपकी रचना का सार है खुशियों पर सबका हक है आंसुओं को इतनी आजादी क्यूँ दी जाए ...बहुत अच्छा लिखा है ...वाह
अपने विचारों को खुद से साँझा करना ही तो अपने आप में अपनी जीत और असली खुशी हैं ...
जवाब देंहटाएंआंसुओं को जितनी सांत्वना मिलेगी...वो जमीन उतनी ही नम मिलेगी...इसलिए इन्हें डराना ज़रूरी है...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिखा है..सुन्दर शब्दों में दर्द...
जवाब देंहटाएंकुछ परेशानियों को तो
जवाब देंहटाएंज़रूरत होती है
आत्मविश्वास की छड़ी की
बेहतर सोच की रचना
मुस्कराहट से कोई नाता है अपना
जवाब देंहटाएंसबको ये खुलकर बताना चाहिए......
बिल्कुल सही कहा आपने ...हमारा हक!
शुभकामनाएँ!
बहुत सच कहा है...कभी कभी ग़मों को भुलाकर मुस्कराना भी चाहिए...यही जीवन की सार्थकता है..बहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंबहुत आशावादी सोच, और आखिरी पंक्ति बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंअरे !!! आंसुओं को भी तो
कभी डराना चाहिए !!!
मुस्कराहट से कोई नाता है अपना
सबको ये खुलकर बताना चाहिए ... :)
बहुत शुभकामनाएँ.
सच ही तो है आंसुओं को भी डरना आना ही चाहिए एक गंभीर बात को बहुत ही सादगी से ब्यान कर दिया आपने...आभार
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