यार, ये पंक्तियाँ पढ़कर दिल सीधे माँ के पास चला गया। आपने बिल्कुल सच लिखा है की माँ साथ बैठ जाए तो उदासी खुद भाग जाती है। मैं भी कई बार यही महसूस करता हूँ कि उनका हाथ पकड़ते ही घर का माहौल हल्का हो जाता है। उनकी हँसी कमरे को ऐसे रोशन करती है जैसे किसी ने सारे लाइट्स ऑन कर दिए हों।
बहुत प्यारी रचना
जवाब देंहटाएंमाँ को समर्पित सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंयार, ये पंक्तियाँ पढ़कर दिल सीधे माँ के पास चला गया। आपने बिल्कुल सच लिखा है की माँ साथ बैठ जाए तो उदासी खुद भाग जाती है। मैं भी कई बार यही महसूस करता हूँ कि उनका हाथ पकड़ते ही घर का माहौल हल्का हो जाता है। उनकी हँसी कमरे को ऐसे रोशन करती है जैसे किसी ने सारे लाइट्स ऑन कर दिए हों।
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