शनिवार, 21 जून 2025

जब माँ साथ होती है!!


जाने कहाँ छिप जाती हैउ

उदासी, ख़ामोशी, 

और तन्हाई 

जब माँ साथ होती है !!!

...

सारी मुस्कराहटों को

पता होता है, 

माँ की धड़कनों से

हर कोना हँसता है, 

और दीवारें 

जगमगाती हैं !!!

© सीमा 'सदा'

 

3 टिप्‍पणियां:

  1. माँ को समर्पित सुंदर रचना

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  2. यार, ये पंक्तियाँ पढ़कर दिल सीधे माँ के पास चला गया। आपने बिल्कुल सच लिखा है की माँ साथ बैठ जाए तो उदासी खुद भाग जाती है। मैं भी कई बार यही महसूस करता हूँ कि उनका हाथ पकड़ते ही घर का माहौल हल्का हो जाता है। उनकी हँसी कमरे को ऐसे रोशन करती है जैसे किसी ने सारे लाइट्स ऑन कर दिए हों।

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मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....