कतार लगी है दियों की
मन में शुभता लिये
मधुर है कितना कुछ
इनके आस-पास
पकवानों से सजे हैं थाल
दीवारों पर खिलखिला रहे हैं रँग नये
देहरी पर सजी रंगोली ने
किया वंदन अभिनन्दन
लगाकर रोली चंदन
माँ लक्ष्मी के संग गौरी नन्दन का !!
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हर्षित मन उल्लासित है
दिवस विशेष की मंगल बेला में
परम्पराओं की अखण्ड ज्योत जला
जब भी हुए नतमस्तक
एक नई ऊर्जा लिये मन
कह उठा शुभमस्तु नित्यं लोकक्षेम !!!
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© सीमा 'सदा'