मैं सोचती हूँ माँ कवच की तरह
मेरे साथ क्यूँ चलती है,
वजहें बहुत सारी हैं
बहुत स्पष्ट तरीका होता है उनका,
हर बात को कहने का
अपनी बात को स्पष्ट करने में
कभी क्रोध में भी होती हैं जब कभी
तो सामने वाले के सम्मान का
पूरा ध्यान रहता है उन्हें, उनके इन सदगुणों ने
मेरे कई रास्तों के अंधकार को हर लिया
...
माँ के नाम का कवच
मुश्किल पलों में हौसला होता है तो
निराशा के पलों में उम्मीद भी जो
हार के पलों में बन जाता है जीत भी
सम्भावनाओं की उँगली तो
विश्वास का आँचल भी
जब दूर हो माँ से तो उनके
शब्दों की विरासत मेरे नाम
यूँ भी होती है
...
तुम और तुम्हारी निष्ठा
मेरे लिये सम्मान है
पर तुम्हें इन सबसे पार पाना होगा
मैं तुम्हारी हूँ
तुम्हें मुझसे कोई छीनेगा नहीं
ना कोई बीच में आएगा
जिन्दगी को जीना सीखो
मीठे बोल बोलो
जहां भी रहो पूरी तन्मयता से
जो भी करो दिल से
जो रिश्ता तुम्हें मान दे उसे तुम
बस सम्मान दो !!!!
तुम और तुम्हारी निष्ठा
जवाब देंहटाएंमेरे लिये सम्मान है
पर तुम्हें इन सबसे पार पाना होगा
मैं तुम्हारी हूँ
तुम्हें मुझसे कोई छीनेगा नहीं
ना कोई बीच में आएगा
जिन्दगी को जीना सीखो।
वाह्ह्ह ¡बेहतरीन।
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (05-05-2019) को
"माँ कवच की तरह " (चर्चा अंक-3326) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
....
अनीता सैनी
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 04/05/2019 की बुलेटिन, " इसलिए पड़े हैं कम वोट - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंसम्भावनाओं की उँगली तो
विश्वास का आँचल भी
जब दूर हो माँ से तो उनके
शब्दों की विरासत मेरे नाम
यूँ भी होती है।
बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंमां को समर्पित लाजबाव रचना,सादर
जवाब देंहटाएंमां को समर्पित लाजबाव रचना
जवाब देंहटाएंको बेहद खूबसूरती से प्रस्तुत किया है आपने ।
आवश्यक सूचना :
जवाब देंहटाएंसभी गणमान्य पाठकों एवं रचनाकारों को सूचित करते हुए हमें अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है कि अक्षय गौरव ई -पत्रिका जनवरी -मार्च अंक का प्रकाशन हो चुका है। कृपया पत्रिका को डाउनलोड करने हेतु नीचे दिए गए लिंक पर जायें और अधिक से अधिक पाठकों तक पहुँचाने हेतु लिंक शेयर करें ! सादर https://www.akshayagaurav.in/2019/05/january-march-2019.html
नमन है माँ के प्रति आपके विचारों का ...
जवाब देंहटाएंमाँ सच में कवच है ...