कभी प्रेम
कभी रिश्ता कोई
बन गया हमनवां जब
तुमने जिंदगी को
हँस के गले
लगाया तो ज़रूर होगा !
...
मांगने पर भी
जो मिल न पाया
ऐसा कुछ छूटा हुआ
बिछड़ा हुआ
कभी न कभी
याद आया तो
ज़रूर होगा !!
...
कोई शब्द जब कभी
अपनेपन की स्याही लिए
तेरा नाम लिखता
हथेली पे
तुमने चुराकर नज़रें
वो नाम
पुकारा तो ज़रूर होगा!!!
...
कभी रिश्ता कोई
बन गया हमनवां जब
तुमने जिंदगी को
हँस के गले
लगाया तो ज़रूर होगा !
...
मांगने पर भी
जो मिल न पाया
ऐसा कुछ छूटा हुआ
बिछड़ा हुआ
कभी न कभी
याद आया तो
ज़रूर होगा !!
...
कोई शब्द जब कभी
अपनेपन की स्याही लिए
तेरा नाम लिखता
हथेली पे
तुमने चुराकर नज़रें
वो नाम
पुकारा तो ज़रूर होगा!!!
...
प्रेम कभी मिटता नहीं...
जवाब देंहटाएंकोई शब्द जब कभी अपनेपन की स्याही लिए तेरा नाम लिखता
जवाब देंहटाएंबहुत ही विचारणीय कविता ...बहुत ही सुंदर एहसास के साथ सुंदर कविता
प्रेम में पगी यादें कैसे भुलाई जाएँ. सुंदर भावपूर्ण कविता.
जवाब देंहटाएंसदा की पढ़ -सुन सदा ....कुछ न कुछ याद आया तो जरूर होगा ......शुभकामनायें |
जवाब देंहटाएंकौन भूल पाता है इन बीते हुए लम्हों को...बहुत ख़ूबसूरत अहसास और उनकी सुन्दर अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 07 अगस्त 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंप्रेम के खूबसुरत अहसासों को समेटते हुए शब्द
जवाब देंहटाएंhttp://savanxxx.blogspot.in
स्म्रतियां कहाँ मिट पाती हैं
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और प्रेममयी अभिव्यक्ति ---
सादर
बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंमांगने पर भी जो न मिल पाया।
जवाब देंहटाएंकिसी दर्द को सहजता से उकेरता मन।
सुंदर अभिव्यक्ति