कभी अपनी जिद को
खबर करना मेरी जिद की
कुछ तसल्ली हो जाएगी उसको
कोई तो उस जैसा है
....
पलकों के साये में
जब भी अश्कों को पनाह मिली,
मत पूछ मुहब्बत कितना तड़पी
यूँ बूँद - बूँद बहते हुये
...
प्यास जागती है
बड़ी ही शिद्दत से हर रिश्ते में
कभी वक़्त की धूप में
जैसे छांव मिले
चलते-चलते
......
खबर करना मेरी जिद की
कुछ तसल्ली हो जाएगी उसको
कोई तो उस जैसा है
....
पलकों के साये में
जब भी अश्कों को पनाह मिली,
मत पूछ मुहब्बत कितना तड़पी
यूँ बूँद - बूँद बहते हुये
...
प्यास जागती है
बड़ी ही शिद्दत से हर रिश्ते में
कभी वक़्त की धूप में
जैसे छांव मिले
चलते-चलते
......
बेहद सुन्दर दी
जवाब देंहटाएंसुंदर और गहन ....
जवाब देंहटाएंsundar Abhivyakti....Sada , sis
जवाब देंहटाएंप्यास जागती है
जवाब देंहटाएंबड़ी ही शिद्दत से हर रिश्ते में
कभी वक़्त की धूप में
जैसे छांव मिले
चलते-चलते
मन को छूकर स्पंदित करनेवाली रचना के लिए बधाई
अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंpyaas bujhtee bhee to
जवाब देंहटाएंkuchh lamho ke liye
chhanv miltee bhee
to kuchh lamho ke liye
mohabbat kee aag hee
aisee hotee hai
lagtee hai kabhi naa bujhne ke liye
पलकों के साये में
जवाब देंहटाएंजब भी अश्कों को पनाह मिली,
मत पूछ मुहब्बत कितना तड़पी
यूँ बूँद - बूँद बहते हुये ..
मुहब्बत का दर्द रिसता है धीरे धीरे ... पर इस दर्द का भी अलग ही मज़ा है
प्रेम और आंसुओं का रिश्ता बहुत गहरा है..सुंदर कविता !
जवाब देंहटाएंsundar aur bhavpoorn abhivyakti..
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना ,पलकों के साये में
जवाब देंहटाएंजब भी अश्कों को पनाह मिली,
मत पूछ मुहब्बत कितना तड़पी
यूँ बूँद - बूँद बहते हुये
...
प्यास जागती है
बड़ी ही शिद्दत से हर रिश्ते में
कभी वक़्त की धूप में
जैसे छांव मिले
चलते-चलते
......
बहुत सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंसस्नेह
अनु
बहुत बहुत सुन्दर.......खास कर पहला वाला ।
जवाब देंहटाएंप्यास जागती है
जवाब देंहटाएंबड़ी ही शिद्दत से हर रिश्ते में....
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पलकों के साये में
जवाब देंहटाएंजब भी अश्कों को पनाह मिली,
मत पूछ मुहब्बत कितना तड़पी
यूँ बूँद - बूँद बहते हुये---बहुत सुन्दर
Latest postअनुभूति : चाल ,चलन, चरित्र (दूसरा भाग )
कभी अपनी जिद को
जवाब देंहटाएंखबर करना मेरी जिद की
कुछ तसल्ली हो जाएगी उसको
कोई तो उस जैसा है
...बहुत सुन्दर रचनाएँ!
बहुत ही सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति,,,,
जवाब देंहटाएंइंसान को बेईश्क सलीका नही आता,
जीना तो बड़ी चीज है मरना नही आता,,,,
RECENT POST: रिश्वत लिए वगैर...
मोहब्बत का बूँद बूँद बहना अच्छा प्रयोग रहा. सुंदर भावपूर्ण रचना.
जवाब देंहटाएंआप सब का साथ बनाए हमारे दिन को खास - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर.....
जवाब देंहटाएं:-)
प्यास जागती है
जवाब देंहटाएंबड़ी ही शिद्दत से हर रिश्ते में
कभी वक़्त की धूप में
जैसे छांव मिले
चलते-चलते-----bahut khub
अपनी जिद को खबर करना मेरी जिद की कोई तो उसके जैसा है... बहुत सुन्दर भाव...शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंउम्दा ....बेहतरीन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंकभी वक़्त की धूप में
जवाब देंहटाएंजैसे छांव मिले
चलते-चलते ...बहुत सुंदर
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (9-2-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ!
कुछ तसल्ली हो जाएगी उसको
जवाब देंहटाएंकोई तो उस जैसा है...
सच है, अहसास होना चाहिए !
शुभकामनायें आपको !
रिश्ते ही तो हैं
जवाब देंहटाएंजो हँसाते भी हैं
और....
रुलाते भी हैं
और जो
ये न हों तो
अपने न होने का
अहसास जगा जाते हैं
सादर
bahut sunder ...
जवाब देंहटाएंबहुत भावप्रवण ...
जवाब देंहटाएं