गुरुवार, 7 फ़रवरी 2013

वक्‍़त की धूप में ... !!!

कभी अपनी जिद को
खबर करना मेरी जिद की
कुछ तसल्‍ली हो जाएगी उसको
कोई तो उस जैसा है
....
पलकों के साये में
जब भी अश्‍कों को पनाह मिली,
मत पूछ मुहब्‍बत कितना तड़पी
यूँ बूँद - बूँद बहते हुये
...
प्‍यास जागती है
बड़ी ही शिद्दत से हर रिश्‍ते में
कभी वक्‍़त की धूप में
जैसे छांव मिले
चलते-चलते
......

29 टिप्‍पणियां:

  1. प्‍यास जागती है
    बड़ी ही शिद्दत से हर रिश्‍ते में
    कभी वक्‍़त की धूप में
    जैसे छांव मिले
    चलते-चलते

    मन को छूकर स्पंदित करनेवाली रचना के लिए बधाई

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  2. pyaas bujhtee bhee to
    kuchh lamho ke liye
    chhanv miltee bhee
    to kuchh lamho ke liye
    mohabbat kee aag hee
    aisee hotee hai
    lagtee hai kabhi naa bujhne ke liye

    जवाब देंहटाएं
  3. पलकों के साये में
    जब भी अश्‍कों को पनाह मिली,
    मत पूछ मुहब्‍बत कितना तड़पी
    यूँ बूँद - बूँद बहते हुये ..

    मुहब्बत का दर्द रिसता है धीरे धीरे ... पर इस दर्द का भी अलग ही मज़ा है

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  4. प्रेम और आंसुओं का रिश्ता बहुत गहरा है..सुंदर कविता !

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  5. सुन्दर रचना ,पलकों के साये में
    जब भी अश्‍कों को पनाह मिली,
    मत पूछ मुहब्‍बत कितना तड़पी
    यूँ बूँद - बूँद बहते हुये
    ...
    प्‍यास जागती है
    बड़ी ही शिद्दत से हर रिश्‍ते में
    कभी वक्‍़त की धूप में
    जैसे छांव मिले
    चलते-चलते
    ......

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर रचना...

    सस्नेह
    अनु

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत बहुत सुन्दर.......खास कर पहला वाला ।

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  8. प्‍यास जागती है
    बड़ी ही शिद्दत से हर रिश्‍ते में....
    --------------------------

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  9. पलकों के साये में
    जब भी अश्‍कों को पनाह मिली,
    मत पूछ मुहब्‍बत कितना तड़पी
    यूँ बूँद - बूँद बहते हुये---बहुत सुन्दर
    Latest postअनुभूति : चाल ,चलन, चरित्र (दूसरा भाग )

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  10. कभी अपनी जिद को
    खबर करना मेरी जिद की
    कुछ तसल्‍ली हो जाएगी उसको
    कोई तो उस जैसा है
    ...बहुत सुन्दर रचनाएँ!

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  11. सुंदर अभिव्यक्ति,,,,

    इंसान को बेईश्क सलीका नही आता,
    जीना तो बड़ी चीज है मरना नही आता,,,,


    RECENT POST: रिश्वत लिए वगैर...

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  12. मोहब्बत का बूँद बूँद बहना अच्छा प्रयोग रहा. सुंदर भावपूर्ण रचना.

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  13. आप सब का साथ बनाए हमारे दिन को खास - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  14. प्‍यास जागती है
    बड़ी ही शिद्दत से हर रिश्‍ते में
    कभी वक्‍़त की धूप में
    जैसे छांव मिले
    चलते-चलते-----bahut khub

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  15. अपनी जिद को खबर करना मेरी जिद की कोई तो उसके जैसा है... बहुत सुन्दर भाव...शुभकामनायें

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  16. कभी वक्‍़त की धूप में
    जैसे छांव मिले
    चलते-चलते ...बहुत सुंदर

    जवाब देंहटाएं
  17. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (9-2-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
    सूचनार्थ!

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  18. कुछ तसल्‍ली हो जाएगी उसको
    कोई तो उस जैसा है...

    सच है, अहसास होना चाहिए !
    शुभकामनायें आपको !

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  19. रिश्ते ही तो हैं
    जो हँसाते भी हैं
    और....
    रुलाते भी हैं
    और जो
    ये न हों तो
    अपने न होने का
    अहसास जगा जाते हैं
    सादर

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मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....