ये सच है आज वर्ष का अंतिम दिन है
नहीं टूट रहा शब्दों का मौन
किसी तरह से,
नहीं ठहराव मिला अश्कों को बहने से
क्या फ़र्क पड़ता है,
सांत्वना के दो शब्द कहने से
दर्द आंचल में सुबक रहा माँ के
सन्नाटा भी चीत्कार करता है
हिचकियों का स्वर जब
गले में आकर रूँधता है
....
सूज गईं हैं पलकें
आंखों की सफेदी पर छा गई है लालिमा
मन की व्यथा लिखती हूँ जब
कागज़ भीग जाता है
क़लम कर देती है चलने से इंकार
दुआओं की गलियां सूनी हैं
रास्ते खामोश हैं सारे
पल-पल गुज़र रहा है एक सिहरन के साथ
कब लौटेगे शुभकामनाओं के शब्द
जो एक साथ ही चले गये थे
उसकी मृत्यु की खबर पा शोक़ मनाने
.....
मुस्कान औंधे मुँह पड़ी है :( जहां
हँसी ने ओढ़ लिया है लिबा़स मायूसी का
उम्मीद घायल हुई है जब से
विश्वास छटपटाया है
संकल्प की हथेलियाँ भिंच गईं हैं
इन सबको कहना है इतना ही
आज वर्ष के अंतिम दिन
भले ही मत देना शुभकामनाएँ
जाते हुये पल को,
पर ....
आने वाले हर लम्हे से कहना ही होगा
हर पल को शुभ कर देना तुम इतना
जिससे मजबूत हों इमारे इरादे
साहस देना हर एक मन को जिससे
प्रखर हो सके टूटा हुआ विश्वास
ओज देना इतना वाणी को सुनाई दे जाये
वो श्रवण बाधित को
दिखाई दे जाये साहस तुम्हारा
दृष्टिहीनों को !!!!!!
नहीं टूट रहा शब्दों का मौन
किसी तरह से,
नहीं ठहराव मिला अश्कों को बहने से
क्या फ़र्क पड़ता है,
सांत्वना के दो शब्द कहने से
दर्द आंचल में सुबक रहा माँ के
सन्नाटा भी चीत्कार करता है
हिचकियों का स्वर जब
गले में आकर रूँधता है
....
सूज गईं हैं पलकें
आंखों की सफेदी पर छा गई है लालिमा
मन की व्यथा लिखती हूँ जब
कागज़ भीग जाता है
क़लम कर देती है चलने से इंकार
दुआओं की गलियां सूनी हैं
रास्ते खामोश हैं सारे
पल-पल गुज़र रहा है एक सिहरन के साथ
कब लौटेगे शुभकामनाओं के शब्द
जो एक साथ ही चले गये थे
उसकी मृत्यु की खबर पा शोक़ मनाने
.....
मुस्कान औंधे मुँह पड़ी है :( जहां
हँसी ने ओढ़ लिया है लिबा़स मायूसी का
उम्मीद घायल हुई है जब से
विश्वास छटपटाया है
संकल्प की हथेलियाँ भिंच गईं हैं
इन सबको कहना है इतना ही
आज वर्ष के अंतिम दिन
भले ही मत देना शुभकामनाएँ
जाते हुये पल को,
पर ....
आने वाले हर लम्हे से कहना ही होगा
हर पल को शुभ कर देना तुम इतना
जिससे मजबूत हों इमारे इरादे
साहस देना हर एक मन को जिससे
प्रखर हो सके टूटा हुआ विश्वास
ओज देना इतना वाणी को सुनाई दे जाये
वो श्रवण बाधित को
दिखाई दे जाये साहस तुम्हारा
दृष्टिहीनों को !!!!!!