उत्साह का होना बहुत जरूरी है
इससे रक्त का संचार
जितने वेग से बहता है
हमारी वाणी में
जोश भी उतनी ही तेजी से आता है
उत्साह यदि अच्छे-बुरे का ज्ञान भी
साथ लेकर चले तो
कदम सार्थक हो सकते हैं ...
दिशाओं के भ्रमित होने का
पथ से डिगने का
परिस्थितियों के अनुकूल व प्रतिकूल
होने का अर्थ जब तक
समझ में आए
उन्नति की राह पर बाधक
हम स्वयं अपने बनें
उनसे सीखने का समझने का
मार्ग हम चुन लें जब भी
मंजिल पे पहुंचने से
हमें कोई रोक नहीं सकता ...
हथेली को जब भी बन्द करता
सोचता मुट्ठी खाली है
फिर भी ये ताकतवाली है
किसी को क्या पता
यह खाली है या इसके अन्दर बंद हैं मेरी
किस्मत की लकीरें
या फिर विश्वास का वो रूप
जो मेरे कांधे पर
तुम्हारे हांथ की तरह ठहरा है .......
बंद मुट्ठी में लकीरें और विश्वास ...बहुत सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंआत्विश्वास से भरी रचना .......
सस्नेह.
यह खाली है या इसके अन्दर बंद हैं मेरी
जवाब देंहटाएंकिस्मत की लकीरें
या फिर विश्वास का वो रूप
जो मेरे कांधे पर
तुम्हारे हांथ की तरह ठहरा है .......
बहुत बढ़िया प्रस्तुति,भावपूर्ण सुंदर रचना,...
RESENT POST...काव्यान्जलि ...: बसंती रंग छा गया,...
आप हैं किधर मैडम ....?
जवाब देंहटाएंहम तो आपका विमोचन में इन्तजार ही करते रहे .....
क्या बात है ....
जवाब देंहटाएंआज तो मुठी तनी तनी है .....:))
बहुत सुंदर लिखा ....:))
bahut sundar likha hai ....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब.. उत्साह, बंद मुट्ठी, किस्मत की लकीरें.. सब कुछ एक साँस में बयान कर दिया!!
जवाब देंहटाएंप्रोत्साहन जरूरी है।
जवाब देंहटाएंसच कह है ... उत्साह और वो भी सही दिशा में हो तो सफलता जरूर मिलती है ... अच्छी रचना है ...
जवाब देंहटाएंमेरे हाथों में लकीरों के सिवा कुछ भी नहीं....
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण सुंदर रचना,...
जवाब देंहटाएंसदा जी,...आप ने पोस्ट पर आना ही बंद कर दिया,जब कि मै आपका नियमित पाठक हूँ..
RESENT POST...काव्यान्जलि ...: बसंती रंग छा गया,...
लाजवाब प्रस्तुति ....
जवाब देंहटाएंसोचता मुट्ठी खाली है
जवाब देंहटाएंफिर भी ये ताकतवाली है
किसी को क्या पता
यह खाली है या इसके अन्दर बंद हैं मेरी
किस्मत की लकीरें
अपने भावो को बहुत सुंदरता से तराश कर अमूल्य रचना का रूप दिया है.
उत्तम रचना।
जवाब देंहटाएंपाठक को सोचने के लिये
विवश करने वाली अभिव्यक्ति।
साधुवाद।
आनन्द विश्वास
lajbab rachana ke liye badhai sweekaren sada ji..
जवाब देंहटाएंकांधे पर रखा हाथ विश्वास है या किस्मत की लकीरें ...
जवाब देंहटाएंजो भी है उस ईश्वर के करीब !
बहुत सुन्दर !
विश्वास से लकीरें स्वतः नया आकार गढ़ लेती हैं।
जवाब देंहटाएंमेरे कांधे पर तुम्हारे हांथ
जवाब देंहटाएंmile jo tumhaaraa saath
badhegaa vishvaas
किसी को क्या पता
जवाब देंहटाएंयह खाली है या इसके अन्दर बंद हैं मेरी
किस्मत की लकीरें
या फिर विश्वास का वो रूप
जो मेरे कांधे पर
तुम्हारे हांथ की तरह ठहरा है ......waah! bahut umda
विश्वास का नाम ही लकीर है जब वह खिंच जाती है. सुंदर रचना है.
जवाब देंहटाएंवैचारिक ताजगी लिए हुए रचना अच्छी लगी।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएंvisvas to badhega hi ... awsam
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar prastuti
जवाब देंहटाएंजोश और होश का अदभुत संगम...
जवाब देंहटाएंहथेली को जब भी बन्द करता
जवाब देंहटाएंसोचता मुट्ठी खाली है
फिर भी ये ताकतवाली है
किसी को क्या पता
यह खाली है या इसके अन्दर बंद हैं मेरी
किस्मत की लकीरें
या फिर विश्वास का वो रूप
जो मेरे कांधे पर
तुम्हारे हांथ की तरह ठहरा है
....लाज़वाब सार्थक सोच...बहुत उत्कृष्ट प्रस्तुति..
मार्ग हम चुन लें जब भी
जवाब देंहटाएंमंजिल पे पहुंचने से
हमें कोई रोक नहीं सकता ...
एक प्रेरक रचना। नसों में नया खून दौड़ने लगा हो जैसे।
उत्साह यदि अच्छे-बुरे का ज्ञान भी
जवाब देंहटाएंसाथ लेकर चले तो
कदम सार्थक हो सकते हैं ..
बहुत खूब!