प्रेम ... कभी तुमसे
तुम्हारे दिल की कहता है
कभी तुम्हारे दिल की सुनता है
लेकिन तुमसे वो नहीं कहता
जो तुम्हें पसन्द नहीं
वो तुमसे डरता है ...शायद
ये डर भी इसे
इसी प्रेम ने दिया है
क्योंकि इसने तुम्हारी खुशियों के साथ
अपनी खुशियां देकर
सौदा कर लिया है मन ही मन
तुम जरा सा भी ना-खुश हो
वह बात इसे मंजूर नहीं होती
बस इसे यही डर सताता है
ये बात कहीं तुम्हें नागवार गुजरी तो ...
तुम्हारा दिल दुखी होगा
वो हंसता है तुम्हारी हंसी में
रोता है तुम्हारे अश्क बहने पे
बहते हुए अश्कों के बीच
कभी कर देता है चुपके से
प्रेम ये सवाल भी .... ?
बिखरता है दर्द जब
हद से ज्यादा
कुरेद के ज़ख्मी हिस्से को
गहराई तक उतरकर
नमी को समेटकर
जाने कैसे अश्क बना देती हैं आंखे ....
...............
दर्द हमेशा गीत बनता है ...
जवाब देंहटाएंप्रेम ... कभी तुमसे
जवाब देंहटाएंतुम्हारे दिल की कहता है
कभी तुम्हारे दिल की सुनता है
यही तो प्रेम है.....
बहुत सुंदर.. उम्दा रचना !
आभार...!!
मेरी नई रचना "तुम्हे भी याद सताती होगी"
प्रेम जीवन और दर्द आपस में गुँथे हुये हैं।
जवाब देंहटाएंप्रेम और उसमें कहने सुनाने का बंधन ... ऐसा तो नहीं होता प्रेम ... प्रेम तो एक हवा का झोंका है जो बहता है बिना रुकावट के ...
जवाब देंहटाएंलाजवाब रचना है ..
बिखरता है दर्द जब
जवाब देंहटाएंहद से ज्यादा
कुरेद के ज़ख्मी हिस्से को
गहराई तक उतरकर
नमी को समेटकर
जाने कैसे अश्क बना देती हैं आंखे ....
सुन्दर रचना...
सादर..
बहुत खूब प्रेम को अभिव्यक्त करती ये पोस्ट|
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब
जवाब देंहटाएंप्रेम जो ना करा दे जो ना बना दे कम ही है…………सुन्दर भावाव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर भावाव्यक्ति.....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन।
जवाब देंहटाएंसादर
कल 20/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
यह प्रेम तो बस ऐसा ही है....
जवाब देंहटाएंसादर !
प्रेम तो सब कुछ करवाने में सक्षम होता है ......खुबसूरत अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंभाव प्रवण रचना.
जवाब देंहटाएंप्रेम!!!करना जीवन की खूब शूरत ईश्वरीय देंन है,..चाहे किसी से हो..बेहतरीन प्रस्तुति,...
जवाब देंहटाएंमेरी नई पोस्ट की चंद लाइनें पेश है....
आफिस में क्लर्क का, व्यापार में संपर्क का.
जीवन में वर्क का, रेखाओं में कर्क का,
कवि में बिहारी का, कथा में तिवारी का,
सभा में दरवारी का,भोजन में तरकारी का.
महत्व है,...
पूरी रचना पढ़ने के लिए काव्यान्जलि मे click करे
waah....prem hi prem
जवाब देंहटाएंप्रेम में दर्द और और खुशी दोनो ही है..सुन्दर भावप्रधान रचना..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर.....खुबसूरत रचना !
जवाब देंहटाएंप्रेम ही वह भाव है जो इंसान की जिंदगी में हर तरह के बदलाव ला सकता है।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
प्रेम और दर्द का तो बहुत गहरा रिश्ता है ....सुंदर भाव
जवाब देंहटाएंप्रेम के बारे में कुछ भी कहो
जवाब देंहटाएंप्रेम तो बस प्रेम होता है
ना उसका वर्णन हो सकता
ना उसका कोई सानी होता
जिसको होता वही जानता
प्रेम और दर्द की अभिव्यक्ति बहुत सुन्दर लगी ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंBahut sundar....
जवाब देंहटाएंदर्द भी जीने की राह सिखा जाता है.....सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबढ़िया अभिव्यक्ति प्यार की .....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
बहुत रूमानी और दर्द भरी अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंबधाई.
कुरेद के ज़ख्मी हिस्से को
जवाब देंहटाएंगहराई तक उतरकर
नमी को समेटकर
जाने कैसे अश्क बना देती हैं आंखे ....
बहुत सुंदर रचना
बिखरता है दर्द जब
जवाब देंहटाएंहद से ज्यादा
कुरेद के ज़ख्मी हिस्से को
गहराई तक उतरकर
नमी को समेटकर
जाने कैसे अश्क बना देती हैं आंखे
...प्रेम और दर्द के रिश्ते की बहुत सुंदर और भावपूर्ण प्रस्तुति..
प्रेम शायद एक- दूसरे को समझने के एहसास का ही नाम है ....बहुत प्रभावी अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंbehad bhaavpurn abhivyakti.
जवाब देंहटाएंman ko chhu gai ye panktiyan...
जवाब देंहटाएंबिखरता है दर्द जब
जवाब देंहटाएंहद से ज्यादा
कुरेद के ज़ख्मी हिस्से को
गहराई तक उतरकर
नमी को समेटकर
जाने कैसे अश्क बना देती हैं आंखे
khoobsoorat panktiyaan....
prem aur dard kaa bahut purana rista hai
जवाब देंहटाएंबिखरता है दर्द जब
जवाब देंहटाएंहद से ज्यादा
कुरेद के ज़ख्मी हिस्से को
गहराई तक उतरकर
नमी को समेटकर
जाने कैसे अश्क बना देती हैं आंखे ..
खूबसूरत अहसास
प्रेम की गहनता को कितनी आसानी से पिरो दिया आपने,सुंदर।
जवाब देंहटाएंbadhai sada ji bahut sundar rachana ke liye abhar
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंप्रेम की मजबूरी है कि वह प्रेम को दुखी-उदास नहीं देखना चाहता, इसे आपकी कविता बहुत सुंदरता से ब्यान करती है. ये पंक्तियाँ बहुत रचनात्मक हैं-
जवाब देंहटाएंबिखरता है दर्द जब
हद से ज्यादा
कुरेद के ज़ख्मी हिस्से को
गहराई तक उतरकर
नमी को समेटकर
जाने कैसे अश्क बना देती हैं आंखे ....
बहुत अच्छी प्रस्तुति संवेदनशील हृदयस्पर्शी मन के भावों को बहुत गहराई से लिखा है
जवाब देंहटाएंबिखरता है दर्द जब
जवाब देंहटाएंहद से ज्यादा
कुरेद के ज़ख्मी हिस्से को
गहराई तक उतरकर
नमी को समेटकर
जाने कैसे अश्क बना देती हैं आंखे ....
............वाकई यह प्रेम भी बड़ा अजीब होता है शायद ही कभी कोई इसे समझ पाया हो आज तक ...म्नोभावों को उजागर करती बहुत ही संवेदन शील प्रस्तुति ....